
नई दिल्ली। भारत और पाकिस्तान के बीच शनिवार शाम 5 बजे से घोषित सीजफायर के बाद भले ही सीमा पर गोलाबारी थमी हो, लेकिन जमीनी हालात सामान्य नहीं हैं। जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती जिलों में लोगों की चिंता और डर साफ दिखाई दे रहा है। राजौरी में बाजार बंद, सड़कें सुनसान और लोग घरों में कैद हैं।
राजौरी में सन्नाटा और अविश्वास
राजौरी के निवासियों का कहना है कि पाकिस्तान पर भरोसा नहीं किया जा सकता। एनडीटीवी से बातचीत में स्थानीय लोगों ने बताया कि सीजफायर सिर्फ कागजों पर है, लेकिन उनका जीवन अभी भी तनावपूर्ण है। दुकानों का बंद रहना, स्कूलों का न खुलना और व्यापार का ठप होना स्थानीय जनता के लिए गंभीर चिंता का विषय है।
जम्मू में एयर डिफेंस सिस्टम ने रोका ड्रोन हमला
सीजफायर के कुछ घंटों बाद शनिवार तड़के जम्मू के बक्शी नगर इलाके में पाकिस्तान की ओर से भेजे गए ड्रोन को भारत के एयर डिफेंस सिस्टम ने इंटरसेप्ट कर ध्वस्त कर दिया। घटना में तीन लोग घायल हुए और कई वाहन क्षतिग्रस्त हो गए। यह हमला सीजफायर के इरादों पर सवाल खड़ा करता है।
नौशेरा में लौटी हल्की रौनक, पर पूरी राहत नहीं
एलओसी से सटे नौशेरा कस्बे में सप्ताहभर बाद बाजार खुले, लोग जरूरी सामान की खरीदारी के लिए बाहर आए। कुछ नागरिकों ने सीजफायर को सही कदम माना, जबकि कुछ का मानना था कि यह अवसर था – “आर-पार” कर देने का। एक स्वर में लोगों ने कहा कि सरकार के साथ हैं, लेकिन पाकिस्तान की मंशा पर भरोसा नहीं कर सकते।
सीजफायर के बावजूद हवाई हलचल, ड्रोन देखे गए
शनिवार को सीजफायर के कुछ ही घंटे बाद श्रीनगर और गुजरात के कुछ हिस्सों में संदिग्ध ड्रोन देखे गए, जिन्हें भारतीय सुरक्षा बलों ने निष्क्रिय किया। यह घटनाएं सीजफायर के बाद भी सतर्कता बनाए रखने की आवश्यकता को रेखांकित करती हैं।
शांति की पहली रात, पर अनिश्चित भविष्य
आर्मी सूत्रों ने बताया कि रविवार रात को जम्मू-कश्मीर और सीमावर्ती इलाकों में पहली बार पूर्ण शांति रही। किसी भी तरह की फायरिंग या घुसपैठ की घटना नहीं घटी। हालांकि, लोग अब भी आशंकित हैं कि यह सन्नाटा कब तक रहेगा, इसका कोई भरोसा नहीं।
जनता का भरोसा पीएम मोदी पर, पर सतर्कता जरूरी
स्थानीय युवाओं से लेकर बुजुर्गों तक का मानना है कि पीओके एक दिन भारत का हिस्सा बनेगा। जनता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर विश्वास जताते हुए कहा कि उन्हें भरोसा है कि पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब जरूर मिलेगा।