
नई दिल्ली। भारत द्वारा अंजाम दिए गए ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान के कई प्रमुख एयरबेसों पर लक्षित हमले किए गए, जिससे पड़ोसी देश की वायुसेना की रीढ़ टूट गई। भले ही पाकिस्तान लगातार इस बात से इनकार कर रहा है कि भारत ने उसके सैन्य प्रतिष्ठानों और एयरबेसों को निशाना बनाया, लेकिन सैटेलाइट इमेज, जमीनी रिपोर्ट और खुफिया सूचनाएं कुछ और ही कहानी कह रही हैं।
भोलारी एयरबेस: सबसे बड़ा झटका
कराची के नज़दीक स्थित भोलारी एयरबेस पर भारतीय वायुसेना द्वारा की गई बमबारी में भारी क्षति की खबर है। सूत्रों के अनुसार:
- 50 से अधिक लोग मारे गए, जिनमें पाकिस्तान एयरफोर्स के स्क्वाड्रन लीडर उस्मान यूसुफ, 4 एयरमैन और अन्य सैन्यकर्मी शामिल थे।
- कई लड़ाकू विमान और ग्राउंड सपोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर नष्ट हो गए।
- विशेषज्ञों के अनुसार, भारत ने पाकिस्तान की वायुसेना की लगभग 20 प्रतिशत क्षमता को ध्वस्त कर दिया है।
नूर खान एयरबेस : खुफिया जाल में फंसी पाकिस्तान एयरफोर्स
रावलपिंडी में स्थित नूर खान एयरबेस, जो पाकिस्तान की मिलिट्री के मुख्यालय के बहुत करीब है, भी भारत के हमलों से अछूता नहीं रहा:
- सैटेलाइट इमेज में ध्वस्त इमारतें, जल चुके वाहन और टूटे हुए रनवे साफ नजर आ रहे हैं।
- इस हमले ने पाकिस्तान की वायुसेना की रणनीतिक सुरक्षा व्यवस्था की कमजोरियों को उजागर कर दिया।
जैकबाबाद एयरबेस : हैंगर और एटीसी पर हमला
पाकिस्तान के दक्षिणी इलाके में स्थित जैकबाबाद एयरबेस को भी लक्षित किया गया।:
- मुख्य एप्रन पर स्थित हैंगर पूरी तरह तबाह हो गया है।
- एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) बिल्डिंग को भी गंभीर नुकसान पहुंचा है।
- एयरबेस के रनवे और फ्यूल स्टोरेज एरिया में भी आग और विस्फोट के निशान देखे गए हैं।
रणनीतिक और मनोवैज्ञानिक प्रभाव
भारत के इन हमलों ने सिर्फ भौतिक विनाश नहीं किया, बल्कि पाकिस्तान को मनोवैज्ञानिक रूप से भी झकझोर दिया है:
- वायु रक्षा प्रणाली की विफलता ने पाकिस्तान की सेना की कमजोरी को दुनिया के सामने ला दिया।
- यह हमला रणनीतिक संकेत भी था – यदि पाकिस्तान भारत के खिलाफ किसी भी प्रकार की आक्रामकता करता है, तो उसकी कीमत बहुत भारी होगी।
स्पष्ट संदेश : उकसावे का जवाब अब धैर्य नहीं, कार्रवाई होगी
ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत की यह सैन्य कार्रवाई यह स्पष्ट कर चुकी है कि अब देश की नीति सिर्फ “निंदा” या “संयम” तक सीमित नहीं रहेगी।:
- यदि भारत पर हमला किया गया, तो जवाब दुगुना और घातक होगा।
- घुसकर मारने की रणनीति अब भारत की सैन्य नीति का हिस्सा बन चुकी है।