
भास्कर ब्यूरो
- मिलीभगत से हड़प ली करोड़ों की प्रॉपर्टी
- एसपी सिटी के आदेश पर दर्ज हुआ मुक़दमा
बरेली। सिविल लाइंस में करोड़ों की वक्फ प्रॉपर्टी को लेकर बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। आरोप है कि चार लोगों ने फर्जी दस्तावेजों के जरिए इस बेशकीमती संपत्ति पर अपना नाम दर्ज करवा लिया। खास बात ये कि नगर निगम के कर्मचारियों की मिलीभगत से पूरी फाइल ही ‘गायब’ कर दी गई, ताकि सच्चाई की तह तक कोई पहुंच ही न सके। मुतवल्ली बरकत नबी खान ने इस मामले की शिकायत एसपी सिटी मानुष पारीक से की थी। आदेश मिलते ही कोतवाली पुलिस ने तीन नामजद समेत एक अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ धोखाधड़ी और जालसाजी जैसी गंभीर धाराओं में एफआईआर दर्ज कर ली है।
1944 से वक्फ रिकॉर्ड में दर्ज थी संपत्ति
बरकत नबी खान के मुताबिक, यह संपत्ति 1944 से नगर निगम के रिकॉर्ड में वक्फ के रूप में दर्ज है और इसका संचालन भी वक्फ मुतवल्ली द्वारा ही होता आया है। लेकिन अलीगढ़ निवासी यूसुफ जमाल, अजीज अख्तर और नासिर सईद ने राधेश्याम एन्क्लेव के कुछ अन्य अज्ञात लोगों के साथ मिलकर सुनियोजित साजिश रच दी।
इन लोगों ने फर्जी दस्तावेज बनवाए और नगर निगम के कुछ अंदरूनी सूत्रों की मदद से न केवल नाम दर्ज करा लिया, बल्कि असली फाइल ही दफ्तर से गायब कर दी।
नेताओं और निगम कर्मियों की साठगांठ का आरोप
मुतवल्ली का कहना है कि इस पूरे खेल के पीछे एक डॉक्टर परिवार और क्षत्रिय महासभा के एक प्रभावशाली नेता का हाथ है। आरोप है कि उन्हीं के इशारे पर यह साजिश रची गई और निगम अधिकारियों ने आंख मूंदकर पूरा साथ दिया।
नगर आयुक्त ने दिए जांच के आदेश
नगर आयुक्त संजीव कुमार मौर्य ने बताया कि फाइलों को खंगाला जा रहा है। संबंधित दस्तावेज मंगवाए गए हैं और अफसरों को रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं। जांच के बाद जो भी तथ्य सामने आएंगे, उसी के आधार पर कार्रवाई होगी
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