लखीमपुर : ई-रिक्शा जब्त होने से दुखी चालक ने दी जान, ट्रेन से कटकर मौत

[ फाइल फोटो ]

  • फाइनेंसर ने नहीं मानी गरीब की मजबूरी, रिक्शा छीनने के कुछ घंटे बाद दी जान

लखीमपुर खीरी। जनपद के उचौलिया थाना क्षेत्र के बबक्करपुर गांव में दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां एक गरीब ई-रिक्शा चालक ने फाइनेंसर की दबंगई और बेरुखी से क्षुब्ध होकर रेल पटरी पर जाकर अपनी जान दे दी। मृतक युवक की पहचान 22 वर्षीय नरोत्तम पाल पुत्र रामसागर के रूप में हुई है। बताया जा रहा है कि फाइनेंसर द्वारा किश्त न जमा कर पाने पर उसका ई-रिक्शा जब्त कर लिया गया था, जिससे आहत होकर नरोत्तम ने यह खौफनाक कदम उठाया।

फाइनेंसर ने रास्ते में रोककर खींचा रिक्शा, टूट गया नरोत्तम का हौसला

परिजनों के अनुसार, शनिवार को नरोत्तम रोज की तरह सुबह अपने ई-रिक्शा पर सवारी ढोने गया था। दोपहर में वह कुछ देर के लिए खाना खाने घर आया था। इसके बाद वह फिर काम पर निकल गया। परिजनों का कहना है कि शाम को दो लोग घर भी आए थे, जो संभवतः फाइनेंसर के कर्मचारी थे। कुछ देर बाद नरोत्तम रास्ते में मिला, तो उन्हीं लोगों ने जबरन उसका ई-रिक्शा छीन लिया।

इस घटना से नरोत्तम बुरी तरह टूट गया था। वह न तो रात में घर लौटा और न ही किसी से संपर्क किया। परिजनों ने कई बार उसका मोबाइल मिलाया, लेकिन वह स्विच ऑफ आया।

रोजा-सीतापुर रेलखंड पर ट्रेन से कटकर दी जान

रात करीब नौ बजे रोजा-सीतापुर रेललाइन के डाउन ट्रैक पर एक स्पेशल एक्सप्रेस ट्रेन गुजर रही थी। उसी दौरान नरोत्तम पटरी पर लेट गया और ट्रेन से कटकर उसकी दर्दनाक मौत हो गई। ट्रेन पायलट ने घटना की जानकारी कंट्रोल को दी, जिसके बाद उचौलिया पुलिस और जीआरपी मौके पर पहुंची।

घटनास्थल जीआरपी क्षेत्र में होने के चलते रोजा जीआरपी चौकी पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए शाहजहांपुर भेज दिया। शव की शिनाख्त होने के बाद जब परिजनों को सूचना दी गई तो घर में कोहराम मच गया।

बिलखती रही मां, कहा—‘रिक्शा ही उसकी रोज़ी रोटी थी’

नरोत्तम की मां रजनी देवी का रो-रोकर बुरा हाल है। उन्होंने कहा कि उनका बेटा बेहद मेहनती था और ई-रिक्शा ही पूरे परिवार की आजीविका का सहारा था। उन्होंने बताया, “वो सिर्फ दोपहर में खाना खाने आया था। जब फाइनेंसर वालों ने रिक्शा छीना, तब से वह बहुत परेशान था। हमने उसे बहुत ढूंढा, लेकिन देर रात उसकी मौत की खबर मिली।”

गांव में छाया मातम, कार्रवाई की मांग

घटना के बाद गांव में गम का माहौल है। स्थानीय लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि गरीबों पर जबरन रिकवरी का दबाव बनाने वाले फाइनेंसर्स पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। ग्रामीणों का कहना है कि नरोत्तम की मौत सिस्टम की बेरुखी और पूंजी की कठोरता का नतीजा है।

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