
राज कपूर को हिंदी सिनेमा का शोमैन यूं ही नहीं कहा जाता। वो सिर्फ एक निर्देशक नहीं, एक परफेक्शनिस्ट थे, जो अपने किरदारों से भावनाओं की गहराई तक उतरने की उम्मीद रखते थे। इसी परफेक्शन की एक मिसाल है उनकी फिल्म प्रेम रोग (1982) का वो चर्चित सीन, जिसमें ऋषि कपूर को 8 बार चांटा खाना पड़ा।
सीन की डिमांड, चांटों की बौछार!
प्रेम रोग में एक सीन था जिसमें एक्ट्रेस पद्मिनी कोल्हापुरे को ऋषि कपूर को जोरदार थप्पड़ मारना था। चूंकि सीन एक खास फिजिकल एंगल और भावनात्मक तीव्रता के साथ फिल्माया जाना था, इसलिए राज कपूर ने इसे सिंगल टेक में कैद करने की योजना बनाई।
लेकिन तकनीकी खराबी के कारण सीन को लगातार रीटेक करना पड़ा और नतीजतन, ऋषि कपूर को लगातार 7-8 बार असली चांटे झेलने पड़े।
पद्मिनी को हुई असहजता, ऋषि ने लिया मज़ाक में बदला
इस किस्से को याद करते हुए पद्मिनी कोल्हापुरे ने एक इंटरव्यू में बताया कि उन्हें यह हरकत बार-बार दोहराते हुए काफी असहज महसूस हुआ, लेकिन उन्होंने राज कपूर के निर्देशों का सम्मान करते हुए प्रोफेशनलिज़्म दिखाया।
वहीं ऋषि कपूर ने इसे सहजता से लिया, और हँसते हुए “एक दिन बदला लूंगा” कहकर बात टाल दी।
जब बदले की बारी आई, ऋषि ने निभाई शालीनता
कुछ समय बाद जब फिल्म “राही बदल गए” में ऋषि कपूर को पद्मिनी को चांटा मारना था, तो सभी को लगा शायद अब ऋषि बदला लेंगे। लेकिन उन्होंने महज एक टेक में सीन पूरा कर दिया, बिना कोई अतिरिक्त जोर लगाए। ये दिखाता है कि ऋषि न सिर्फ रोमांटिक हीरो थे, बल्कि एक सच्चे जेंटलमैन भी।
ऋषि-पद्मिनी की हिट जोड़ी
“प्रेम रोग” के बाद इस जोड़ी ने कई और फिल्मों में साथ काम किया, जिनमें शामिल हैं:
- जमाने को दिखाना है (1981)
- ये इश्क नहीं आसान (1984)
- प्यार के काबिल (1987)
- हवालात (1987)
हर फिल्म में इनकी केमिस्ट्री दर्शकों के दिल को छू गई।
ये भी पढ़े –“अगर रजत न होते तो मैं मिस यूनिवर्स नहीं बन पाती” – सुष्मिता सेन ने सुनाई दिल छू लेने वाला वो किस्सा…
प्रेम रोग – साल 1982 की ब्लॉकबस्टर
प्रेम रोग न सिर्फ 1982 की सबसे बड़ी हिट फिल्म बनी, बल्कि इसने विधवा पुनर्विवाह जैसे संवेदनशील मुद्दे को बड़े पर्दे पर मजबूती से उठाया। इस फिल्म ने ऋषि कपूर और पद्मिनी कोल्हापुरे के करियर को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया।