
- किसी भी घटना के बाद बीट अफसर की मानी जाएगी लापरवाही
मुरादाबाद । शासन व आला अधिकारियों के आदेश पर एसपी सिटी कुमार रणविजय सिंह द्वारा लापरवाह पुलिस कर्मियों के लिए स्टिक होते हुए नगर की सभी चौकियों पर तैनात पुलिस कर्मियों को यह आदेश जारी करते हुए कहा गया है।वह अपनी डुयूटी बुक को पूरी तरह अपडेट रखने के साथ यह अच्छी तरह जान ले कि अब चौकियों पर चौपाल लगाने की जगह उन्हें अपने अपने क्षेत्रों में लगातार गश्त पर रहना होगा। एसपी सिटी के जारी किए गए आदेश में कहा गया है। वह कभी भी किसी भी समय चौकी या अपने आफिस में डुयूटी पर लगाए गए पुलिस कर्मियों को बुलाने के साथ जहां जहां उनकी डुयूटी लगाई गई हैं।
उस स्थान पर वह खुद जाकर यह देखेगे कोई पुलिस कर्मी गैर हाजिर तो नहीं है। इसके अलावा एसपी सिटी ने सख्त एक्शन लेते हुए कहा अब जिस क्षेत्र में अगर किसी तरह की कोई आपराधिक घटना होती हैं तो घटना के पीछे बीट अफसर की लापरवाही मानते हुए उसके खिलाफ विभागीय कार्यवाही भी की जा सकती हैं। एसपी सिटी ने बताया कि बीट अफसर पर क्षेत्र की बहुत बड़ी जिम्मेदारी होती हैं। जिसका निर्भा उन्हें पूरी तरह अलर्ट रहते हुए करना होगा। एसपी सिटी कुमार रणविजय सिंह ने हाल ही में यह उच्च अधिकारियों के आदेश पर नगर में डुयूटी पर तैनात पुलिस कर्मियों की डुयूटी बुक चेक किए जाने का काम शुरू कर दिया है।
पिछले दिनों एसपी सिटी कुमार रणविजय सिंह के इस स्टिक एक्शन के बाद पुलिस डिपार्टमेंट में हड़कंप मचा हुआ है। एसपी सिटी कुमार रणविजय सिंह ने बताया कि उनके क्षेत्र में कौन क्या कर रहा है और कौन किस तरह के आपराधिक कार्यो में लिप्त हैं। इसकी जानकारी बीट अफसर से ज्यादा किसी को नही हो सकती । उन्होंने कहा अगर बीट अफसर पूरी ईमानदारी और सच्ची निष्ठा व डिपार्टमेंट के साथ जनता की सेवा भाव से अपने कर्तव्यों का निर्भा करें तो जगह जगह होने वाले आपराधिक कार्यो पर पूरी तरह अंकुश लगाया जा सकता है। उन्होंने कहा जो घटना है।
वह साफ नजर आ जाती हैं कि इस घटना को कौन किस तरह अंजाम दे सकता हैं। इसके लिए एसओजी के साथ क्राइम ब्रांच और थानों के इंस्पेक्टर ही उसे खोज निकाल लेते हैं लेकिन क्षेत्र में कौन गलत काम कर रहा है। इसकी जानकारी सिर्फ बीट अफसर को ही होती हैं। इसलिए सभी बीट अफसर यह पूरी तरह सुनिश्चित कर ले अगर कोई भी आपराधिक कार्य उनके हल्का क्षेत्र में होता पाया जाता हैं तो। इसके लिए उन्हें जिमनेदार मानते हुए विभागीय जांच कराई जा सकती हैं।
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