
जयपुर। पाकिस्तान पर एयर स्ट्राइक के बाद सरकार ने पूरे राज्य में सतर्कता बढ़ा दी है। गृह विभाग ने राज्य के सभी जिलों के कलेक्टरों और पुलिस अधीक्षकों को विस्तृत गाइडलाइन जारी करते हुए आपदा प्रबंधन से जुड़ी तैयारियों को मजबूत करने के निर्देश दिए हैं।
गृह विभाग की गाइडलाइन के अनुसार किसी भी आपात स्थिति में सभी अस्पतालों में जीवन रक्षक दवाइयों की उपलब्धता सुनिश्चित की जानी चाहिए। डॉक्टरों और अस्पताल स्टाफ को ड्यूटी पर पूरी तरह तैयार रहने के आदेश हैं। ब्लड बैंकों में सभी ब्लड ग्रुप का पर्याप्त भंडारण रखा जाए। ऐसे अस्पताल और स्कूल चिन्हित किए जाएं जहां अस्थायी अस्पताल और राहत शिविर बनाए जा सकें। साथ ही बिजली कटौती की स्थिति में जनरेटर की व्यवस्था भी की जाए।
सरकार ने सोशल मीडिया पर निगरानी बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। देश विरोधी और भड़काऊ पोस्ट करने वालों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई की जाएगी। जिलों के कलेक्टर और एसपी खुद इसकी मॉनिटरिंग करेंगे और सुनिश्चित करेंगे कि कोई माहौल खराब न कर सके। ऐसे मामलों में आरोपिताें को गिरफ्तार करने के आदेश हैं।
गाइडलाइन में साफ तौर पर कहा गया है कि रोजमर्रा की वस्तुओं जैसे खाना, पीने का पानी, गैस, और अन्य जरूरी सामान की आपूर्ति बाधित न हो। बिना जरूरत वस्तुओं का जमाव न हो, इस पर भी नजर रखने को कहा गया है। जलदाय विभाग को इमरजेंसी की स्थिति में भी पीने के पानी की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।
सीमावर्ती जिलों के कलेक्टर, आईजी, एसपी को सेना और अन्य केंद्रीय एजेंसियों के अधिकारियों के साथ लगातार संपर्क और समन्वय बनाए रखने के निर्देश दिए गए हैं। युद्ध जैसी स्थिति में त्वरित निर्णय और सामूहिक कार्रवाई के लिए ये तालमेल बेहद जरूरी बताया गया है।
सरकार ने पाकिस्तान बॉर्डर से सटे गांवों के लिए भी आपातकालीन निकासी योजना तैयार रखने के निर्देश दिए हैं। हमले की स्थिति में इन गांवों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए पहले से पूरी योजना और संसाधन तैयार रखने को कहा गया है।
जिलाें के अस्पताल, बिजलीघर, तेल-गैस डिपो, पाइपलाइन, धार्मिक स्थल जैसी संवेदनशील जगहों की सुरक्षा बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। सुरक्षा बलों को चौकस रहने को कहा गया है और फायर ब्रिगेड को भी अलर्ट मोड में रखा गया है।
राज्य सरकार ने मोबाइल नेटवर्क और अन्य संचार सेवाओं को चालू रखने के सख्त निर्देश दिए हैं ताकि जनता तक समय पर सूचनाएं पहुंच सकें। सार्वजनिक स्थानों पर माइक सिस्टम लगाए जाएंगे। इसके अलावा गांव-गांव तक सरकार के आदेशों और व्यवस्थाओं की जानकारी पहुंचाने को कहा गया है ताकि लोगों में डर न फैले और विश्वास बना रहे कि सरकार उनके साथ है।
आपात स्थिति में सामाजिक संगठनों, एनएसएस स्वयंसेवकों और एनसीसी कैडेट्स की सहायता ली जाएगी। जिलों में समय-समय पर मॉक ड्रिल आयोजित करने के भी निर्देश दिए गए हैं ताकि आपदा की स्थिति में तुरंत कार्रवाई की जा सके।
सरकार ने साफ किया है कि जनता को घबराने की जरूरत नहीं है, सभी जरूरी इंतजाम पहले से किए जा रहे हैं।
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