
काबुल। पाकिस्तान और भारत के बीच ताजा तनाव ने अफगानिस्तान के व्यापार के लिए चुनौतियां खड़ी कर दी हैं। बंदरगाहों पर अफगानिस्त से निर्यात होने वाले शिपमेंट रुक गए हैं। चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इन्वेस्टमेंट ने कहा कि इस स्थिति ने अफगानिस्तान की अर्थव्यवस्था पर और दबाव बढ़ा दिया है।
टोलो न्यूज के अनुसार, चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इन्वेस्टमेंट के बोर्ड सदस्य खान जान अलोकोजय ने कहा कि यह स्थिति अफगानिस्तान के लिए नुकसानदेह है। सीमित आपूर्ति और उच्च मांग के कारण भारत में अफगान सामान अधिक महंगे हो गए हैं। भारत के लोगों को अफगानिस्तान के ताजे और सूखे फल पसंद हैं। दोनों देशों के बीच तनाव अफगानिस्तान के लिए गंभीर मुद्दा है।
बोर्ड सदस्य ने पाकिस्तान और भारत की सरकार से पारगमन और व्यापार के मुद्दों को राजनीतिक और सुरक्षा मामलों से अलग करने का आह्वान किया है। वित्र मंत्रालय ने अफगानिस्तान की अर्थव्यवस्था पर भारत-पाकिस्तान तनाव के प्रत्यक्ष प्रभाव के बारे में भी चिंता व्यक्त की है। उप वित्त मंत्री अब्दुल लतीफ नाजारी ने कहा कि भारत-पाकिस्तान संबंधों में तनाव अफगानिस्तान की आर्थिक स्थिति पर नकारात्मक प्रभाव डालता है। अफगानिस्तान का जरूरी सामान वाघा सीमा के जरिए आयात होता रहा है।बढ़ते तनाव के साथ यह प्रक्रिया निस्संदेह अफगानिस्तान के आयात और निर्यात को गंभीर नुकसान पहुंचा सकती है।
इस बीच, कुछ विशेषज्ञों का सुझाव है कि अफगानिस्तान भारत के साथ व्यापार जारी रखने के लिए ईरान के चाबहार बंदरगाह का अधिक से अधिक उपयोग कर सकता है। आर्थिक विशेषज्ञ मीर शकर याकूबी ने कहा कि क्षेत्रीय तनाव की स्थिति को देखते हुए वाघा के विकल्प के रूप में चाबहार बंदरगाह का उपयोग करने के लिए परिस्थितियां अनुकूल हैं। इस बंदरगाह के माध्यम से व्यापार को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाया जा सकता है।अफगानिस्तान की अंतरिम सरकार ने दोनों देशों से वार्ता का आह्वान किया है।
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