
आगरा : एमपी-एमएलए कोर्ट आगरा के विशेष न्यायाधीश अनुज कुमार सिंह ने मंगलवार को भाजपा सांसद और अभिनेत्री कंगना रनौत के खिलाफ दायर देशद्रोह और राष्ट्र अपमान के मामले को खारिज कर दिया। यह वाद वरिष्ठ कांग्रेस नेता और अधिवक्ता रमाशंकर शर्मा द्वारा 11 सितंबर 2024 को दायर किया गया था, जिसकी सुनवाई पिछले नौ माह से चल रही थी।
वादी अधिवक्ता रमाशंकर शर्मा का आरोप था कि कंगना रनौत ने 26 अगस्त 2024 को दिए गए एक साक्षात्कार में केंद्र सरकार के खिलाफ आंदोलनरत किसानों को “हत्यारा” और “बलात्कारी” कहा, साथ ही राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के अहिंसात्मक सिद्धांतों की भी अवमानना की। उन्होंने पहले 31 अगस्त को पुलिस कमिश्नर और थाना प्रभारी को शिकायत भेजी थी, लेकिन कार्रवाई न होने पर कोर्ट में वाद दायर किया।
न्यायाधीश अनुज कुमार सिंह ने केस खारिज करते हुए तीन प्रमुख बिंदुओं का उल्लेख किया:
- वादी या उसका परिवार किसान आंदोलन से प्रत्यक्ष रूप से जुड़ा नहीं था।
- महात्मा गांधी की मृत्यु हो चुकी है, इसलिए उनके परिवार का कोई सदस्य ही इस प्रकार की शिकायत दर्ज करा सकता है।
- वाद दाखिल करने से पहले किसी सक्षम मजिस्ट्रेट से आवश्यक स्वीकृति नहीं ली गई थी।
अभिनेत्री कंगना रनौत की ओर से सुप्रीम कोर्ट की अधिवक्ता अनसूया चौधरी ने केस की पैरवी करते हुए इसे “तथ्यहीन और राजनीति प्रेरित” बताया। उन्होंने कोर्ट में कई कानूनी मिसालें और तर्क प्रस्तुत किए, जिसके आधार पर न्यायालय ने वाद खारिज कर दिया।
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हालांकि, वादी अधिवक्ता रमाशंकर शर्मा ने निर्णय से असहमति जताते हुए कहा कि वह सेशन कोर्ट में रिवीजन याचिका दायर करेंगे। उन्होंने कहा, “मैं चुप नहीं बैठूंगा। यदि आवश्यकता पड़ी तो यह मामला हाईकोर्ट तक ले जाया जाएगा। न्याय की अंतिम लड़ाई लड़ी जाएगी।”