23 अप्रैल से पाकिस्तान की हिरासत में BSF जवान, गर्भवती पत्नी ने की भावुक अपील

BSF jawan Purnam Kumar Sahu in Pakistan custody: भारतीय सीमा सुरक्षा बल (BSF) के जवान पूर्णम कुमार साहू को 23 अप्रैल 2025 को पंजाब के फिरोजपुर सेक्टर में ड्यूटी के दौरान गलती से सीमा पार करने के बाद पाकिस्तान रेंजर्स ने हिरासत में ले लिया था. इस घटना के बाद से भारत सरकार और BSF उनकी रिहाई के लिए लगातार प्रयासरत हैं.

BSF और पाकिस्तान रेंजर्स के बीच अब तक तीन फ्लैग मीटिंग्स हो चुकी हैं, लेकिन पाकिस्तान ने अभी तक जवान को रिहा नहीं किया है. जवान की गर्भवती पत्नी और परिवार के अन्य सदस्य सरकार से उनके शीघ्र रिहाई की अपील कर रहे हैं. हालांकि, उन्हें उम्मीद है कि 3 मई को पाकिस्तानी रेंजर को बीएसएफ की ओर से पकड़े जाने पर उसके बदले बीएसएफ जवान को पाकिस्तान छोड़ सकता है. 

बीएसएफ जवान की पत्नी ने क्या कहा?

बीएसएफ जवान की पत्नी रजनी साहू ने 5 मई को कहा कि अब हिरासत में लिए गए पाकिस्तानी रेंजर का परिवार भी समझ जाएगा कि पिछले 11 से 12 दिनों से हमारा परिवार किस स्थिति में है. उस परिवार की भी यही स्थिति होगी. उम्मीद है कि वे अपनी सरकार पर दबाव डालकर मेरे पति की रिहाई के लिए राजी होंगे. वहीं, पूर्णम के पिता भोलानाथ साहू का कहना है कि उन्हें विश्वास है कि प्रधानमंत्री, केंद्रीय गृह मंत्री और रक्षा मंत्री 3 मई की घटना के बाद उचित कार्रवाई करेंगे.

ममता बनर्जी ने परिवार को हर संभव सहायता का दिया आश्वासन

पश्चिम बंगाल के हुगली जिले के रहने वाले BSF जवान पी.के.साहू को 23 अप्रैल को ड्यूटी के दौरान गलती से सीमा पार करने पर पाकिस्तान रेंजर्स ने हिरासत में ले लिया. उनकी गिरफ्तारी ने न सिर्फ उनके परिवार को चिंता में डाल दिया, बल्कि अब यह मुद्दा राष्ट्रीय बहस का विषय बन गया है. इस बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस पर गहरी चिंता जताई है. उन्होंने परिवार को हर संभव सहायता का आश्वासन दिया है. 

“जवान को जल्द से जल्द भारत वापस लाया जाए”

ममता बनर्जी ने कहा, “यह बेहद दुखद स्थिति है. उनका नाम साहू है. हमारे पार्टी के वरिष्ठ नेता कल्याण बनर्जी उनके परिवार से लगातार संपर्क में हैं. हम चाहते हैं कि जवान को जल्द से जल्द भारत वापस लाया जाए.” उन्होंने यह भी कहा, “देश की आंतरिक और बाहरी सुरक्षा के मामलों पर तृणमूल कांग्रेस सरकार के साथ है. यहां कोई राजनीति नहीं की जा रही. हम सिर्फ जवान की सलामती चाहते हैं.”

BSF की सतर्कता बढ़ाई गई

BSF ने इस घटना के बाद जवानों के लिए गश्ती के दौरान अत्यधिक सतर्कता बरतने के निर्देश जारी किए हैं. एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि यह एडवाइजरी पहले से मौजूद थी, लेकिन अब इसे सख्ती से लागू करने का आदेश दिया गया है. बीएसएफ ने कहा, “हमने सभी गश्ती दलों को सचेत किया है कि वे सीमा के पास किसी भी स्थिति में अतिरिक्त सतर्कता बरतें और सीमा रेखा के बहुत करीब न जाएं.” सीमा पर काम करने वाले किसानों को भी सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं.

पाकिस्तान का नहीं मिल रहा सहयोग

BSF के अधिकारियों का कहना है कि आमतौर पर ऐसी घटनाओं में एक फ्लैग मीटिंग के ज़रिए समाधान हो जाता है, लेकिन इस बार पाकिस्तान की ओर से कोई सकारात्मक जवाब नहीं मिल रहा. उन्होंने कहा, “पहलगाम में हुए हालिया आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान और भारत के बीच तनाव बढ़ा है. इस कारण पाकिस्तान फ्लैग मीटिंग्स में शामिल नहीं हो रहा. हमने विरोध दर्ज कराया है और जवान की वापसी के लिए हरसंभव प्रयास कर रहे हैं.” 

जांच जारी

जवान पी.के. साहू के सीमा पार करने के पीछे की परिस्थितियों की जांच की जा रही है. प्रारंभिक रिपोर्ट के मुताबिक, यह एक अनजाने में हुआ सीमा उल्लंघन था. BSF इस मामले की आंतरिक जांच कर रहा है और हर विवरण की पुष्टि की जा रही है.

सबसे संवेदनशील क्षेत्र है भारत-पाक सीमा

BSF देश की 3,323 किलोमीटर लंबी भारत-पाक सीमा की सुरक्षा करता है, जो जम्मू-कश्मीर, पंजाब, राजस्थान और गुजरात तक फैली है. यह सीमा क्षेत्र भारत के सबसे संवेदनशील इलाकों में गिना जाता है, जहां अक्सर घुसपैठ और सीमा उल्लंघन जैसी घटनाएं होती रहती हैं.

जवान की वापसी की उम्मीद

देशभर से लोग और नेता जवान की सुरक्षित वापसी की मांग कर रहे हैं. परिवार, सरकार और सुरक्षा एजेंसियों को उम्मीद है कि भारत सरकार के प्रयासों से जल्द ही जवान को वापस लाया जाएगा.

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