
गुरुग्राम। गुरुग्राम की हाई प्रोफाइल सोसाइटी डीएलएफ (नाथूपुर) में मुख्यमंत्री का नकली ओएसडी बनकर लोगों को ठगने और सरकारी अधिकारियों को धमकाने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के विशेष कार्य अधिकारी (ओएसडी) के रूप में खुद को पेश कर सेक्टर 56 में बिजली खंभों का काम रुकवाने के आरोप में एक व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। जिसकी पहचान अमित चौधरी पुत्र राजपाल निवासी नाथूपुर उम्र 39 वर्ष के रूप में हुई है। जिसे स्थानीय पार्षद सुंदर सिंह का भतीजा भी बताया जा रहा है।
गुरुग्राम पुलिस के प्रवक्ता संदीप कुमार ने यह जानकारी देते हुए बताया कि दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम (डीएचबीवीएन) के उपमंडल अधिकारी (एसडीओ) सतीश चंद की शिकायत पर सेक्टर 56 थाने में मामला दर्ज किया गया था।
बिजली विभाग के एसडीओ सतीश चंद ने शिकायत में कहा था कि एक अप्रैल की सुबह 11 बजे उनके पास वाट्सऐप कॉल आई थी। कॉल करने वाले ने खुद को सीएम हाउस का ओएसडी बताया। कहा कि वह वीरेंद्र बोल रहा है। व्यक्ति ने अरावली पहाड़ियों की एक साइट पर लगाए गए खंभे को हटाने का निर्देश दिया था।
उसने कहा कि यह साइट अवैध है, यहां खंभा न लगाया जाए। शक होने पर उन्होंने जांच की और उच्चाधिकारियों को भी बताया था। उसी दिन मुख्यमंत्री के ओएसडी के पीए का भी कॉल आया और उनकी तरफ से व्यक्ति को फर्जी बताया गया था। सेक्टर 56 थाना पुलिस ने मामले की जांच करते हुए शनिवार को आरोपित अमित चौधरी को पकड़ लिया। दरअसल, पुलिस जांच में सामने आया कि यह व्यक्ति पहले भी लोगों से कथित राजनीतिक रसूख के नाम पर 57 लाख रुपये की ठगी कर चुका है। उसने पेट्रोल पंप दिलाने के बदले ये रकम ऐंठी थी।
इसके अलावा प्राप्त जानकारी के मुताबिक गुरुग्राम पुलिस ने नाथूपुर से आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस जांच में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। आरोपी इससे पहले भी देश के गृहमंत्री अमित शाह का ओएसडी बनकर पंचकूला में एक व्यक्ति से पेट्रोल पंप दिलाने के नाम पर 57 लाख रुपये की ठगी कर चुका है, जिसके चलते वह जेल भी जा चुका है। उसके खिलाफ चेक बाउंस के दो मामले अभी न्यायालय में विचाराधीन हैं। पुलिस ने आरोपी के पास से वारदात में इस्तेमाल किया गया मोबाइल फोन भी बरामद कर लिया है।
गौरतलब है कि आरोपी भाजपा पार्षद सुंदर सिंह का भतीजा बताया जा रहा है, जिससे पुलिस अतिरिक्त सतर्कता के साथ जांच कर रही है। पुलिस का कहना है कि ऐसे फर्जीवाड़े करने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी, ताकि किसी भी अधिकारी या आम व्यक्ति को भविष्य में धोखा न झेलना पड़े।