राज्यपाल : ‘एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के लिए योग’ की थीम वसुधैव कुटुंबकम की भावना को सशक्त करती है

  • राज्यपाल ने कुलपतियों के साथ ऑनलाइन बैठक कर दिया दिशा निर्देश

लखनऊ । राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने इस वर्ष योग दिवस की थीम “एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के लिए योग” के महत्व पर कहा कि यह थीम न केवल वसुधैव कुटुंबकम की भावना को सशक्त करती है, बल्कि सम्पूर्ण मानवता के लिए योग को जीवनशैली का हिस्सा बनाने का आह्वान भी करती है। बता दें सोमवार को कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल की अध्यक्षता में आज अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस-2025 की तैयारियों के संबंध में एक महत्वपूर्ण ऑनलाइन बैठक आयोजित की गई। बैठक में प्रदेश के समस्त राज्य विश्वविद्यालयों के कुलपति व वरिष्ठ अधिकारी ऑनलाइन माध्यम से जुड़े।

राज्यपाल ने 01 जून से 21 जून, 2025 तक अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की श्रृंखला में आयोजित किए जाने वाले योग कार्यक्रमों को अद्भुत, रचनात्मक एवं सामूहिक प्रयास का प्रतीक बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि स्वच्छता, संगीत और योग को एकीकृत कर डॉक्यूमेंटेशन किया जाए, ताकि उसका संकलन कर एक पुस्तक तैयार की जा सके। उन्होंने नवनिर्मित स्पोर्ट्स विश्वविद्यालय को निर्देशित किया कि वे आंगनबाड़ी एवं प्राथमिक विद्यालयों के बच्चों अथवा अन्य विश्वविद्यालयों के विद्यार्थियों को खेलों से जोड़ते हुए योग करवाएं, जिससे योग में रुचि एवं सहभागिता बढ़े।

उन्होंन साइकिल यात्रा एवं पद यात्रा जैसे आयोजनों को भी प्रोत्साहित करने के निर्देश दिए। उन्होंने यह भी कहा कि विश्वविद्यालय अपने अध्यापक, महिला स्टाफ, नर्सिंग स्टाफ को उनकी यूनिफॉर्म में विभिन्न सार्वजनिक स्थलों पर योग करते हुए प्रेरक उदाहरण प्रस्तुत करें तथा उद्योग जगत के लोगों को भी इसमें सम्मिलित करें। इसके अतिरिक्त, उन्होंने योग को केवल शारीरिक अभ्यास तक सीमित न रखते हुए सभी को पोषणयुक्त एवं संतुलित खान-पान के लिए प्रेरित करने पर बल दिया, ताकि सम्पूर्ण जीवनशैली में सुधार लाया जा सके।

राज्यपाल जी ने आयुष मंत्रालय द्वारा घोषित 10 प्रमुख गतिविधियों के प्रति विश्वविद्यालयों को जागरूक किया और इन योजनाओं में सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि 21 जून को विश्वविद्यालय के सभी परिसरों और अधीनस्थ महाविद्यालयों में सामूहिक योग अभ्यास सुनिश्चित करें, जिससे अधिक से अधिक विद्यार्थी, शिक्षक व कर्मचारी लाभान्वित हों। विश्वविद्यालय अपने स्तर पर विदेशी विश्वविद्यालयों से भी जुड़कर योग सत्र आयोजित करें जिससे अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा मिले। विश्वविद्यालय परिसरों में योग के लिए समर्पित स्थायी स्थल विकसित किए जाएं।

दिव्यांगजन, वरिष्ठ नागरिक, बालक-बालिकाएं व विशेष जरूरत वाले छात्रों के लिए विशेष योग सत्र आयोजित किए जाएं। योग के सामाजिक व शारीरिक प्रभावों को आंकने हेतु शोध प्रपत्र तैयार किए जाएं। राज्यपाल ने विशेष रूप से यह निर्देश दिया कि प्रत्येक विश्वविद्यालय अपने अधीनस्थ कॉलेजों एवं इंटर कॉलेजों के स्तर तक योग से संबंधित गतिविधियों को नियमित रूप से आयोजित करें, जिससे बचपन से ही छात्रों में स्वस्थ जीवनशैली की आदत विकसित हो सके। उन्होंने कहा कि योग सिर्फ शरीर को ही नहीं, मन और आत्मा को भी संतुलित करता है और यही योग की सार्वभौमिक शक्ति है।

उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों को हरित प्रदर्शन आयोजित करना चाहिए, जिसमें यह दर्शाया जाए कि किस प्रकार वृक्ष और वनस्पतियां मानव समाज की सेवा करती हैं, चाहे वह पर्यावरण हो, भोजन हो, औषधि हो या स्वास्थ्य। कृषि विश्वविद्यालय इस दिशा में मार्गदर्शन करें और एक दस्तावेज तैयार किया जाए कि कौन-कौन सी स्थानीय वनस्पतियां किस बीमारी में लाभकारी हैं। अपर मुख्य सचिव, राज्यपाल डॉ. सुधीर महादेव बोबडे, विशेष सचिव राज्यपाल, श्रीप्रकाश गुप्ता, वर्चुअली माध्यम से जुड़े सभी विश्वविद्यालयों के कुलपति व कुलसचिव सहित राजभवन के अधिकारी/कर्मचारीगण उपस्थित रहे।

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