डायबिटीज मरीजों के लिए वरदान है आक के पत्ते, जानिए इसके और भी चमत्कारी उपाय

डायबिटीज यानी मधुमेह एक ऐसी लाइफस्टाइल से जुड़ी बीमारी है जो एक बार शरीर में घर कर जाए तो उम्रभर साथ नहीं छोड़ती। इंसुलिन की कमी या उसका सही ढंग से काम न करना शरीर में ब्लड शुगर लेवल को अनियंत्रित कर देता है, जिससे आंखों, किडनी, हृदय और तंत्रिका तंत्र सहित कई अंगों पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है।

हालांकि आधुनिक चिकित्सा में ब्लड शुगर को कंट्रोल करने के लिए कई तरह की दवाएं और इंसुलिन थेरेपी मौजूद हैं, लेकिन आयुर्वेदिक चिकित्सा में भी इसके प्रभावी समाधान मौजूद हैं। इन्हीं में से एक है – आक के पत्तों का प्रयोग

आक का पौधा क्या है?

आक, जिसे अंग्रेज़ी में Calotropis और संस्कृत में मदार कहा जाता है, एक झाड़ी जैसा जंगली पौधा होता है जो भारत के कई हिस्सों में सड़क किनारे या खाली जमीनों में उगता है। यह पौधा दिखने में भले ही आम लगता हो, लेकिन इसमें मौजूद औषधीय तत्व इसे विशेष बनाते हैं।

महत्वपूर्ण बात: आक का पौधा हल्का जहरीला भी होता है, इसलिए इसका उपयोग बिना जानकारी के नहीं करना चाहिए।

आयुर्वेद में आक का महत्व

आक के पौधे को आयुर्वेद में कई बीमारियों के लिए उपयोगी माना गया है। जैसे:

  • पाचन तंत्र की समस्याएं
  • त्वचा रोग
  • बवासीर
  • जोड़ों का दर्द
  • सांस की बीमारियां
  • और अब डायबिटीज

इसके पत्तों, फूलों और दूध में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी और डिटॉक्सिफाइंग गुण शरीर की अंदरूनी सफाई करने और मेटाबोलिज्म को सुधारने में मदद करते हैं।

डायबिटीज में आक के पत्ते कैसे करते हैं काम?

  • आक के पत्तों में ऐसे प्राकृतिक तत्व होते हैं जो इंसुलिन की कार्यक्षमता को सुधारते हैं
  • ये शरीर में मौजूद अतिरिक्त ग्लूकोज को नियंत्रित करने में मदद करते हैं।
  • यह उपाय बिना कोई दवा लिए, सिर्फ बाहरी प्रयोग से शुगर कंट्रोल करने में सहायता कर सकता है।

कैसे करें इस्तेमाल? – स्टेप बाय स्टेप गाइड

अगर आप डायबिटीज के लिए आक के पत्तों का प्रयोग करना चाहते हैं, तो इन स्टेप्स को फॉलो करें:

  1. दो ताजे आक के पत्ते लें – सुनिश्चित करें कि पत्ते हरे, स्वस्थ और कीटमुक्त हों।
  2. इन्हें अच्छे से धो लें, ताकि किसी तरह की मिट्टी या जहरीला रस न बचा हो।
  3. अब इन पत्तों को पीसकर पेस्ट बना लें।
  4. रात को सोने से पहले, इस पेस्ट को अपने पैरों के तलवों पर हल्के हाथों से लगाएं
  5. फिर कॉटन के मोजे पहन लें और इसे रातभर ऐसे ही रहने दें।
  6. सुबह उठकर पैरों को गुनगुने पानी से धो लें।

नियमितता: इस उपाय को हफ्ते में 3-4 बार दोहराया जा सकता है।

ज़रूरी सावधानियां

  • आक का दूध (लेटेक्स) आंखों और संवेदनशील त्वचा के लिए हानिकारक होता है, इसलिए इसे तोड़ते समय दस्ताने पहनें।
  • आक के पत्तों को कभी भी सीधे खाएं नहीं। इसका सेवन जानलेवा हो सकता है।
  • यह उपाय सिर्फ़ बाहरी उपयोग के लिए है।
  • डायबिटीज के मरीज जो पहले से दवाएं ले रहे हैं, उन्हें यह प्रयोग डॉक्टर से परामर्श के बाद ही करना चाहिए।

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