
लखनऊ : कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की नागरिकता को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में आज महत्वपूर्ण फैसला आ सकता है। इस केस की पिछली सुनवाई 21 अप्रैल को हुई थी, जिसमें अदालत ने केंद्र सरकार को स्पष्ट जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया था कि राहुल गांधी भारतीय नागरिक हैं या नहीं।
क्या है मामला?
यह मामला 1 जुलाई 2024 को कर्नाटक के वकील और भाजपा नेता एस विग्नेश शिशिर द्वारा दाखिल की गई याचिका से जुड़ा है। याचिकाकर्ता ने दावा किया है कि राहुल गांधी ब्रिटेन की एक कंपनी में डायरेक्टर रहते हुए खुद को ब्रिटिश नागरिक बता चुके हैं।
इसके समर्थन में उन्होंने ब्रिटिश सरकार के 2022 के एक गोपनीय मेल का भी हवाला दिया है।
कानूनी आधार: भारतीय नागरिकता अधिनियम 1955 की धारा 9(2)
याचिकाकर्ता ने भारतीय नागरिकता अधिनियम 1955 की धारा 9(2) के तहत यह मांग की है कि यदि राहुल गांधी ने किसी अन्य देश की नागरिकता स्वीकार की है, तो उनकी भारतीय नागरिकता स्वतः रद्द मानी जानी चाहिए।
साथ ही याचिका में कहा गया है कि अगर राहुल गांधी दोहरी नागरिकता रखते हैं, तो वह भारत में चुनाव लड़ने के पात्र नहीं हैं।
पिछली सुनवाई में क्या हुआ था?
21 अप्रैल को हुई सुनवाई में एडिशनल सॉलिसिटर जनरल सूर्यभान पांडेय ने केंद्र सरकार की ओर से स्थिति रिपोर्ट दाखिल की थी।
हालांकि, कोर्ट ने रिपोर्ट को अपर्याप्त मानते हुए सख्त टिप्पणी की:
“यह मामला राष्ट्रीय महत्व का है, और इसमें देरी नहीं हो सकती।”
क्या है दांव पर?
यदि अदालत राहुल गांधी की नागरिकता को लेकर कोई नकारात्मक टिप्पणी करती है, तो इसका असर न सिर्फ उनके राजनीतिक करियर, बल्कि कांग्रेस पार्टी की छवि और आगामी चुनावों पर भी पड़ सकता है।
आज आ सकता है फैसला
अब देशभर की निगाहें लखनऊ की इलाहाबाद हाईकोर्ट बेंच पर टिकी हैं, जहाँ आज इस संवेदनशील और राजनीतिक रूप से गंभीर मामले पर फैसला आ सकता है।