
देशभर के किसानों द्वारा शंभू बॉर्डर पर मंगलवार को प्रस्तावित बड़े विरोध प्रदर्शन से पहले पुलिस ने सख्त कदम उठाते हुए कई प्रमुख किसान नेताओं को नजरबंद कर दिया है।
आज सुबह 4 बजे, पुलिस ने अचानक किसान नेताओं के घरों पर दबिश दी और उन्हें उनके घरों में ही नजरबंद कर दिया गया। यह कार्रवाई किसान संगठनों द्वारा घोषित शांतिपूर्ण प्रदर्शन को रोकने के उद्देश्य से की गई है।
किस बात का था विरोध?
किसान मजदूर मोर्चा (भारत) और संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) ने मंगलवार को शंभू पुलिस स्टेशन के बाहर विरोध प्रदर्शन की घोषणा की थी।
यह प्रदर्शन शंभू और खनौरी बॉर्डर पर पिछले किसान आंदोलन को जबरन हटाने और किसानों की ट्रैक्टर-ट्रॉलियों की चोरी के विरोध में किया जाना था।
किन नेताओं को किया गया नजरबंद?
पुलिस ने जिन प्रमुख नेताओं को घरों में नजरबंद किया है, उनमें शामिल हैं:
- जगजीत सिंह डल्लेवाल
- सरवन सिंह पंधेर
- अन्य स्थानीय किसान नेता भी इस सूची में शामिल हैं।
पुलिस की इस कार्रवाई के पीछे संभावित कानून-व्यवस्था को बनाए रखने का तर्क दिया जा रहा है, लेकिन किसान संगठनों ने इसे लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन बताया है।
किसानों की प्रतिक्रिया
किसानों ने सरकार की इस कार्रवाई की कड़ी निंदा की है और कहा है कि शांतिपूर्ण आंदोलन को दबाना लोकतंत्र के खिलाफ है। उनका कहना है कि यह जनता की आवाज़ को कुचलने की कोशिश है और वे इसका कानूनी व लोकतांत्रिक तरीके से जवाब देंगे। पुलिस की यह कार्रवाई आने वाले दिनों में किसान संगठनों और सरकार के बीच टकराव को और बढ़ा सकती है। विरोध प्रदर्शन पर रोक लगाने से अब राजनीतिक बयानबाजी और जन आंदोलनों की गतिविधियां तेज़ हो सकती हैं।