मीरजापुर : विधान परिषद की आपदा प्रबंधन जांच समिति की बैठक में जनप्रतिनिधियों संग राहत उपायों पर हुई चर्चा

मीरजापुर। उत्तर प्रदेश विधान परिषद की दैवीय आपदा प्रबंधन जांच समिति की बैठक स्थानीय कोर्णांक होटल में समिति के सभापति इंजीनियर अवनीश कुमार सिंह की अध्यक्षता में संपन्न हुई। बैठक में जिले के जनप्रतिनिधियों एवं प्रशासनिक अधिकारियों के साथ आपदा से जुड़ी समस्याओं और समाधान पर विस्तार से चर्चा की गई।

बैठक में विधायक नगर रत्नाकर मिश्र, विधायक छानबे रिंकी कोल, जिला पंचायत अध्यक्ष राजू कनौजिया, चेयरमैन को-ऑपरेटिव बैंक डॉ. जगदीश सिंह पटेल, जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन, नगर पालिका अध्यक्ष श्यामसुंदर केसरी सहित विभिन्न ब्लॉक प्रमुख और अधिकारी मौजूद रहे।

सभापति ने कहा कि मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप आपदा से प्रभावित लोगों को त्वरित सहायता उपलब्ध कराना अधिकारियों की प्राथमिक जिम्मेदारी है। उन्होंने निर्देश दिया कि बाढ़ और ओलावृष्टि से क्षतिग्रस्त सड़कों का आकलन 48 घंटे के भीतर कर शासन को रिपोर्ट भेजी जाए, जिससे शीघ्र मरम्मत के लिए बजट जारी हो सके।

उन्होंने बताया कि बाढ़ प्रभावित परिवारों को बर्तन, कपड़े आदि की खरीद के लिए भी सहायता का प्रावधान है। साथ ही कृषि भूमि से गाद/बालू हटवाने, नाविकों को नुकसान की भरपाई तथा मकानों और फसलों की क्षति का पारदर्शी सर्वेक्षण कर सहायता देने की व्यवस्था की जाए।

सभा में बताया गया कि अग्निकांड, आंधी-तूफान, चक्रवात, कीट प्रकोप, आकाशीय बिजली, नाव दुर्घटना, वन्य जीवों के हमले जैसी घटनाएं भी दैवीय आपदा की श्रेणी में आती हैं और इनसे प्रभावित लोगों को मुआवजा देने का प्रावधान है। परंतु जानकारी के अभाव में लोग समय से सहायता नहीं ले पाते, इसलिए जन-जागरूकता अभियान चलाना जरूरी है।

सभापति ने निर्देश दिए कि सामुदायिक संपत्तियों के नुकसान पर भी त्वरित राहत पहुंचाई जाए और आपदा से निपटने के लिए दीर्घकालिक समाधान तलाशे जाएं। उन्होंने जागरूकता शिविरों में जनप्रतिनिधियों की सहभागिता भी सुनिश्चित करने को कहा।

जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन ने जानकारी दी कि आपदा से निपटने के लिए राजस्व और संबंधित विभागों की टीमें लगातार सक्रिय रहती हैं। उन्होंने बताया कि मड़िहान, हलिया व पहाड़ी विकासखंडों में आकाशीय बिजली से बचाव हेतु 80 स्थानों पर लाइटनिंग अरेस्टर लगाए गए हैं, जिससे लोगों को समय रहते चेतावनी मिल सकेगी।

आपदा राहत प्रयासों में पारदर्शिता, त्वरित कार्रवाई और जन सहभागिता पर विशेष बल देने की बात बैठक में जोरशोर से उठाई गई।

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