
कश्मीर में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के रिश्तों में तनाव बढ़ गया है। इस स्थिति को देखते हुए भारत सरकार ने पाकिस्तान से होने वाले आयात पर रोक लगा दी है। इस फैसले का सबसे ज्यादा असर सेंधा नमक और मेवों के व्यापार पर पड़ा है। बड़ी संख्या में सेंधा नमक के ऑर्डर रद्द कर दिए गए हैं और व्यापारियों ने नए ऑर्डर लेना भी बंद कर दिया है।
चैंबर ऑफ फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के मंत्री अशोक लालवानी ने जानकारी दी कि पाकिस्तान से लाहौरी सेंधा नमक, छुहारे, काली किशमिश और सब्जा के बीज आयात होते थे। वहीं, अफगानिस्तान से अंजीर और मुनक्का पाकिस्तान के रास्ते भारत पहुंचते थे। जनपद में इन उत्पादों का अच्छा-खासा कारोबार है। हर महीने 250 से 300 टन सेंधा नमक, 550 से 600 टन छुहारे, और लगभग 15 टन पिस्ता, किशमिश और सब्जा के बीज की खपत होती है।
पाकिस्तान से आयात बंद होने के चलते थोक विक्रेताओं ने फिलहाल सभी बड़े ऑर्डर निरस्त कर दिए हैं और नया व्यापार शुरू करने से परहेज कर रहे हैं।
आगरा किराना कलर एंड केमिकल कमेटी के सदस्य पवनदीप कपूर ने बताया कि जिले में करीब 30 थोक व्यापारी मेवों का कारोबार करते हैं। यहां मुनक्का, अंजीर और पिस्ता अफगानिस्तान से पाकिस्तान के रास्ते आता था। आगरा में हर महीने लगभग 25-30 टन अंजीर और 40-50 टन मुनक्का का व्यापार होता है। अब इन उत्पादों का आयात अन्य रास्तों से किया जाएगा, जिससे परिवहन लागत बढ़ेगी और इसका सीधा असर कीमतों पर पड़ेगा। हालांकि व्यापारियों का कहना है कि वे देशहित में सरकार के इस निर्णय के साथ पूरी तरह खड़े हैं।
आगरा व्यापार मंडल के अध्यक्ष टी. एन. अग्रवाल ने बताया कि पाकिस्तान से कपास का आयात भी होता था, जिससे सूती कपड़ों पर असर पड़ सकता है। कपास की मांग पहले से ही बढ़ी हुई है, जिससे शर्ट, धोती, अंडरगारमेंट्स और महिलाओं के वस्त्र बनाए जा रहे हैं। व्यापार मंडल के मंत्री राजीव गुप्ता का कहना है कि बांग्लादेश से भी संबंध बेहतर नहीं हैं, जिससे सूती वस्त्रों की कीमतों में और इजाफा हो सकता है।
व्यापारियों का मानना है कि पाकिस्तान से आयात बंद होने का भारत में सीमित असर पड़ेगा, लेकिन पाकिस्तान को इससे बड़ा आर्थिक नुकसान उठाना पड़ेगा।