
गोला (लखीमपुर खीरी)। नगर पालिका परिषद गोला की तस्वीर वर्षों से जस की तस बनी हुई है। यहां अध्यक्ष भले ही बदलते रहे, लेकिन नगर की सूरत और सीरत नहीं बदल पाई। जैसे ही पहली बारिश हुई, गोला नगर पानी-पानी हो गया — सड़कें तालाब में तब्दील, नालों से उफनता गंदा पानी, और घरों-दुकानों में भरता जल।
नगरवासियों ने इस बार भी उम्मीदों के साथ बदलाव की कोशिश की थी, लेकिन दो साल बीतने के बावजूद वर्तमान पालिका अध्यक्ष के कार्यकाल में भी जलभराव की समस्या का कोई समाधान नहीं हो सका।
कागज़ी तैयारी, जमीनी सच्चाई—भारी अंतर
हाल ही में पालिका द्वारा बारिश से पूर्व तैयारियों को लेकर एक मीटिंग की गई थी, जिसमें साफ-सफाई, नाला सफाई और जल निकासी की व्यवस्था पर जोर दिया गया। लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि जरा सी बारिश में ही नगर की नालियाँ उफनने लगती हैं और गलियाँ तालाब बन जाती हैं।
सोशल मीडिया पर फूटा गुस्सा, जनता ने जताई नाराजगी
गोला नगर में बारिश होते ही नगर के कई वार्डों से जलभराव की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल होने लगी। लोग प्रशासन से पूछ रहे हैं — “क्या हर साल यही हाल रहेगा? क्या सिर्फ चेहरा बदलने से हालात बदलेंगे?”
वॉर्डों की स्थिति—हर जगह एक जैसी तस्वीर
- डामर रोड : सड़क पर पानी भरने से दुकानों का नुकसान
- सिनेमा रोड : नालियाँ जाम, घरों के भीतर पानी
नगरवासी बोले — अब केवल वादे नहीं, काम चाहिए
नगर वासियों का कहना है, “हर साल मीटिंग होती है, हर साल वादे किए जाते हैं, लेकिन हर साल हमारा घर, सड़के तालाब बन जाती है।”