
नई दिल्ली । भारत की वायु रक्षा प्रणाली को और अधिक सशक्त बनाते हुए भारतीय सेना को रूस से अत्याधुनिक इग्ला-एस एयर डिफेंस मिसाइलें प्राप्त हुई हैं। 250 करोड़ रुपये के विशेष रक्षा सौदे के तहत प्राप्त ये मिसाइलें अब अग्रिम मोर्चों पर तैनात की जा रही हैं, जिससे पाकिस्तान और चीन जैसे पड़ोसी देशों से उत्पन्न खतरे का त्वरित और सटीक जवाब दिया जा सकेगा।
इस समझौते को सेना की तत्काल परिचालन जरूरतों को ध्यान में रखते हुए अंजाम दिया गया है। सेना सूत्रों के अनुसार, इग्ला-एस मिसाइल प्रणाली विशेष रूप से लड़ाकू विमान, अटैक हेलिकॉप्टर और ड्रोन को नजदीकी दूरी से निशाना बनाने में सक्षम है। यह मिसाइल प्रणाली पाकिस्तान सीमा पर भारतीय सेना की वायु सुरक्षा को कई गुना मजबूत करेगी।
कंधे से दागी जाने वाली बेहद घातक मिसाइल
इग्ला-एस मिसाइल एक सैनिक द्वारा कंधे से दागी जा सकती है। इसकी इंटरसेप्शन रेंज 6 किलोमीटर तक है और यह अधिकतम 11,000 फीट की ऊंचाई तक अपने लक्ष्य को भेद सकती है। 10.8 किलोग्राम वजनी यह मिसाइल 2266 किमी/घंटा की रफ्तार से उड़ान भरती है। इसका पूरा सिस्टम 18 किलोग्राम वजनी होता है और इसकी नोक पर 1.17 किलोग्राम का विस्फोटक लगा होता है, जो टारगेट को पूरी तरह तबाह कर देता है।
वायुसेना को भी मिलेगा फायदा
रक्षा मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, वायुसेना ने भी इस प्रणाली के लिए अलग से अनुबंध किया है, जिससे देश की वायुसीमा को बहुस्तरीय सुरक्षा मिल सकेगी। यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब ड्रोन और हवाई हमलों की आशंका पाकिस्तान और चीन दोनों ओर से बढ़ रही है।
पुरानी प्रणाली को मिलेगी नई ताकत
सेना और वायुसेना दोनों के पास पहले से मौजूद इग्ला-1एम प्रणाली 1989 से सेवा में है, लेकिन इग्ला-एस उसका कहीं अधिक उन्नत और सटीक संस्करण है। यह नया सिस्टम लॉक एंड फायर तकनीक पर काम करता है, जिससे टारगेट एक बार लॉक हो जाने के बाद उसका बचना मुश्किल हो जाता है।