
आईपीएल 2025 में शनिवार को रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के खिलाफ दो रन से मिली हार के बाद चेन्नई सुपर किंग्स के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने खुद को ज़िम्मेदार ठहराया है। उन्होंने माना कि मैच के आखिरी ओवरों में उन्हें दबाव कम करने के लिए और आक्रामक शॉट्स खेलने चाहिए थे।
धोनी ने कहा, “जब मैं बल्लेबाजी के लिए गया, उस वक्त जिस तरह की गेंदबाज़ी हो रही थी और जितने रन चाहिए थे, मुझे लगा कि मुझे और रिस्क लेने की ज़रूरत थी। मैं यह मानता हूं कि गलती मुझसे हुई है।”
आखिरी ओवर में चूकी चेन्नई
चिन्नास्वामी स्टेडियम में खेले गए इस मुकाबले में बेंगलुरु ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 214 रन बनाए। जवाब में चेन्नई की टीम 20 ओवर में 5 विकेट पर 211 रन ही बना सकी। आखिरी ओवर में सीएसके को जीत के लिए 15 रन की जरूरत थी, लेकिन धोनी तीसरी गेंद पर एल्बीडब्ल्यू आउट हो गए। उन्होंने 8 गेंदों में 12 रन बनाए जिसमें एक छक्का शामिल था। उनके आउट होने के बाद टीम आखिरी तीन गेंदों पर केवल चार रन ही बना सकी।
रोमारियो शेफर्ड ने पलटा मैच
आरसीबी की जीत में रोमारियो शेफर्ड की विस्फोटक बल्लेबाजी का बड़ा योगदान रहा। जब टीम 18 ओवर में 159 रन पर थी, तब उन्होंने मोर्चा संभाला और केवल 14 गेंदों में नाबाद 53 रन ठोक डाले। आखिरी दो ओवरों में बेंगलुरु ने 54 रन जोड़े, जिसमें खलील अहमद के ओवर में 33 रन और पथिराना के ओवर में 21 रन शामिल थे।
गेंदबाज़ों को दी यॉर्कर और फुल टॉस की सलाह
धोनी ने अपने गेंदबाज़ों को सुझाव देते हुए कहा, “हमें यॉर्कर पर ज़्यादा भरोसा करना होगा। जब बल्लेबाज सेट हो रहे हों, तो यॉर्कर गेंदों से रन रोकने का मौका रहता है। अगर यॉर्कर मिस हो जाए, तो लो फुल टॉस एक अच्छा विकल्प हो सकता है।”
उन्होंने पथिराना जैसे तेज़ गेंदबाज़ों की बात करते हुए कहा, “अगर यॉर्कर नहीं फेंकी जा रही है, तो उनकी गति का फायदा उठाकर बाउंसर भी इस्तेमाल किया जा सकता है। लेकिन यॉर्कर की ट्रेनिंग ज़रूरी है।”
स्कूप शॉट पर धोनी का साफ जवाब
धोनी से जब यह पूछा गया कि सीएसके के बल्लेबाज स्कूप शॉट क्यों नहीं खेलते, तो उन्होंने कहा, “हर बल्लेबाज के पास यह शॉट खेलना स्वाभाविक नहीं होता। अगर किसी को सहजता से यह शॉट आता है तो ठीक है, लेकिन जबरदस्ती नहीं खेला जा सकता। यह नया स्किल है, और आने वाले समय में इसकी प्रैक्टिस ज़रूरी होगी।”
उन्होंने कहा कि रविंद्र जडेजा जैसे बल्लेबाज स्कूप शॉट की बजाय स्ट्रेट डाउन-द-ग्राउंड शॉट्स में अधिक सहज हैं और अपनी