असीम मलिक को क्यों बनाया गया सुरक्षा सलाहकार? तनाव के बीच जानें क्या है पाकिस्तान का नया दांव

भारत और पाकिस्तान के बीच 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद से तनाव का माहौल है. इस हमले में 26 लोगों की मौत हो गई थी, जिसके बाद पाकिस्तान ने अपने नए सुरक्षा सलाहकार के तौर पर आईएसआई चीफ असीम मलिक को नियुक्त किया. इस कदम को पाकिस्तान के बढ़ते डर और भारत से बढ़ते तनाव से जोड़ा जा रहा है.

लेफ्टिनेंट जनरल मोहम्मद असीम मलिक को पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया है. इससे पहले वह पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी, इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) के प्रमुख थे. मलिक की नियुक्ति को भारत से संभावित खतरे को लेकर पाकिस्तान का नया कदम माना जा रहा है. उनके पास सुरक्षा और विदेश नीति में गहरी समझ है, और उनका अनुभव विभिन्न क्षेत्रों में काम करने का रहा है, खासकर बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा में.

कौन हैं असीम मलिक?
असीम मलिक पाकिस्तान के एक प्रमुख सैन्य अधिकारी हैं जिन्हें सुरक्षा और विदेश मामलों में गहरी समझ है. उन्हें ‘स्वॉर्ड ऑफ ऑनर’ से सम्मानित किया जा चुका है और उन्होंने नेशनल डिफेंस यूनिवर्सिटी (एनडीयू) में चीफ इंस्ट्रक्टर और कमांड एंड स्टाफ कॉलेज क्वेटा में इंस्ट्रक्टर के तौर पर कार्य किया है. मलिक ने अमेरिका से अपनी शिक्षा प्राप्त की है और रॉयल कॉलेज ऑफ डिफेंस स्टडीज, लंदन से भी उन्होंने उच्च शिक्षा ली है. उन्हें सुरक्षा और विदेशी मामलों के विशेषज्ञों में से एक माना जाता है.

बलूचिस्तान और खैबर में काम करने का है अनुभव
मलिक का बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा में काम करने का लंबा अनुभव है, जहां विभिन्न आंदोलन और संघर्ष चल रहे हैं. इन क्षेत्रों में हालिया हमलों में इजाफा हुआ है और भारत के प्रति डर भी पाकिस्तान में साफ देखा जा रहा है. इसी वजह से उन्हें आईएसआई प्रमुख के बाद सुरक्षा सलाहकार की जिम्मेदारी सौंपी गई है, ताकि इन जटिल सुरक्षा परिस्थितियों में पाकिस्तान की रक्षा नीति को और मजबूत किया जा सके.\

आईएसआई चीफ का ताकतवर पद
पाकिस्तान में आईएसआई प्रमुख का पद बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है और इस पद की नियुक्ति सीधे प्रधानमंत्री द्वारा की जाती है. यही नहीं, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) भी प्रधानमंत्री को रिपोर्ट करता है. लेकिन पाकिस्तान में यह स्पष्ट है कि दोनों पद, आईएसआई प्रमुख और NSA, सेना प्रमुख के इशारे पर काम करते हैं. इस कारण असीम मलिक को सुरक्षा सलाहकार का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया है, ताकि सेना और खुफिया विभाग की नीतियों में समन्वय बना रहे.

तनाव के बीच पाकिस्तान का कदम
भारत द्वारा पहलगाम हमले के बाद कड़े कदम उठाए गए, जैसे सिंधु जल संधि को स्थगित करना और पाकिस्तानी अधिकारियों को देश से निकालना. इन कदमों के बाद पाकिस्तान में यह डर बढ़ गया कि भारत पाकिस्तान पर हमला कर सकता है. पाकिस्तान ने अपनी सैन्य तैयारियों को तेज कर दिया है और अपने वरिष्ठ अधिकारियों को अंतरराष्ट्रीय समर्थन जुटाने के लिए भेजा है. असीम मलिक को सुरक्षा सलाहकार बनाने का निर्णय इस तनाव के माहौल में लिया गया.

भारत के खिलाफ पाकिस्तानी जवाब
पाकिस्तान ने भारत से आक्रमकता के संकेत दिए हैं. पाकिस्तान के सूचना मंत्री अत्ताउल्ला तारार ने कहा है कि भारत किसी भी आक्रामकता का जवाब देगा. उन्होंने यह भी कहा कि भारत की ओर से किसी भी सैन्य कार्रवाई को लेकर पाकिस्तान तैयार है. हालांकि, पाकिस्तान ने परमाणु हथियारों का इस्तेमाल तभी करने की बात की है, जब देश के अस्तित्व पर खतरा हो.

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान की तैयारियां
पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ संभावित सैन्य कार्रवाई के डर से अपनी तैयारियों को बढ़ा दिया है. वह आतंकवादियों को छिपाने का आरोप भारत पर लगा रहा है और नियंत्रण रेखा (LoC) पर सुरक्षा बलों की तैनाती बढ़ा दी है. पाकिस्तान ने अपनी सेनाओं को तैयार किया है और भारतीय आक्रमण से बचाव के लिए रणनीतियों पर काम कर रहा है.

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