
देवभूमि उत्तराखंड की विश्व प्रसिद्ध चारधाम यात्रा का शुभारंभ आज अक्षय तृतीया के पावन अवसर पर हो गया है। बुधवार को सबसे पहले गंगोत्री धाम के कपाट विधिवत पूजन-अर्चन के बाद श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए। कुछ देर बाद ही यमुनोत्री धाम के कपाट भी खोल दिए गए। वहीं, 2 मई को केदारनाथ और 4 मई को बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने के साथ ही यह पवित्र यात्रा पूर्ण रूप से आरंभ हो जाएगी।
चारधाम यात्रा 2025: रूट मैप और यात्रा क्रम
चारधाम यात्रा का प्राचीन धार्मिक क्रम इस प्रकार है:
- यमुनोत्री धाम (उत्तरकाशी ज़िला)
- गंगोत्री धाम (उत्तरकाशी ज़िला)
- केदारनाथ धाम (रुद्रप्रयाग ज़िला)
- बदरीनाथ धाम (चमोली ज़िला)
यात्रा की शुरुआत अधिकतर श्रद्धालु हरिद्वार या ऋषिकेश से करते हैं।
यात्रा मार्ग संक्षेप में:
- दिल्ली → हरिद्वार (220 किमी)
- हरिद्वार → ऋषिकेश (25 किमी)
- ऋषिकेश → बड़कोट → जानकीचट्टी → यमुनोत्री धाम
- यमुनोत्री → उत्तरकाशी → गंगोत्री धाम
- ऋषिकेश → देवप्रयाग → श्रीनगर → रुद्रप्रयाग → गौरीकुंड → केदारनाथ धाम
- रुद्रप्रयाग → कर्णप्रयाग → चमोली → जोशीमठ → बदरीनाथ धाम

चारधाम यात्रा 2025: रजिस्ट्रेशन अनिवार्य
चारधाम यात्रा में भाग लेने के लिए रजिस्ट्रेशन आवश्यक है। दो तरीके उपलब्ध हैं:
ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन
- ऑफिशियल वेबसाइट पर किया जा सकता है।
- मोबाइल नंबर, आधार कार्ड, फोटो, मेडिकल सर्टिफिकेट जरूरी।
ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन सेंटर
- देहरादून: 30 सेंटर
- हरिद्वार: 20 सेंटर
- ऋषिकेश: 20 सेंटर
- अन्य यात्रा मार्गों पर भी कई पंजीकरण केंद्र बनाए गए हैं।
चेकिंग प्वाइंट्स (रजिस्ट्रेशन वेरीफिकेशन)
धाम | रजिस्ट्रेशन जांच स्थान |
---|---|
यमुनोत्री | बड़कोट |
गंगोत्री | हीना |
केदारनाथ | सोनप्रयाग |
बदरीनाथ | पांडुकेश्वर |
यात्रियों के लिए विशेष सुझाव
- यात्रा से पहले स्वास्थ्य जांच और मेडिकल प्रमाणपत्र अवश्य लें।
- ट्रैफिक, मौसम और सड़क की स्थिति के अपडेट के लिए राज्य आपदा प्रबंधन या पर्यटन विभाग की हेल्पलाइन पर संपर्क रखें।
- चारधाम मार्ग में हेल्थ पोस्ट, ई-रिकॉर्डिंग बूथ और आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं।
महत्वपूर्ण हेल्पलाइन नंबर:
- उत्तराखंड पर्यटन विभाग हेल्पलाइन: 0135-2559898
- आपदा प्रबंधन हेल्पलाइन: 1070
- चारधाम यात्रा कंट्रोल रूम: 0135-3520100