
नैनीताल : प्रथम अपर जिला व सत्र न्यायाधीश विक्रम के न्यायालय ने प्रतिष्ठित शेरवुड विद्यालय के प्रधानाचार्य सहित सभी आरोपितों को दोषमुक्त करार दिया है। वर्ष 2014 में विद्यालय के छात्र नेपाल के नागरिक शान प्रजापति की मृत्यु के मामले में नैनीताल से लेकर नेपाल तक व्यापक प्रदर्शन हुए थे। यह निर्णय मंगलवार को सुनाया गया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार 15 नवंबर 2014 को नेपाल की निवासी महिला नीना श्रेष्ठ ने तल्लीताल थाने में शिकायत दर्ज करायी थी कि उनका पुत्र शान प्रजापति शेरवुड विद्यालय में 2011 से अध्ययन कर रहा था। 13 नवंबर 2014 की सुबह 10 बजे विद्यालय की ओर से फोन आया कि शान अस्वस्थ है।
नीना ने हाउस मास्टर रवि कुमार को फोन व ईमेल के माध्यम से पुत्र की कुशलता पूछी, परंतु तब कोई उत्तर नहीं मिला। किन्तु तीन बजे रवि कुमार ने स्वयं शान के चिकित्सालय में भर्ती होने की सूचना दी और रात आठ बजे प्रधानाचार्य ने बेहतर उपचार के लिए दिल्ली ले जाने की बात कही। 14 नवंबर की रात एक बजे प्रधानाचार्य ने शान को एंबुलेंस में स्थानांतरित करने की जानकारी दी। 15 नवंबर की सुबह नौ बजे नीना को पुत्र की मृत्यु की सूचना मिली। नीना ने विद्यालय प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए प्रधानाचार्य अमनदीप संधू, हाउस मास्टर रवि कुमार व सिस्टर पायल के विरुद्ध पुलिस में शिकायत की, जिस पर पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 304ए के तहत अभियोग दर्ज किया।
मामले में पूर्व में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के न्यायालय ने 29 जून 2022 को प्रधानाचार्य सहित दो अन्य को भारतीय दंड संहिता की धारा 304ए (लापरवाही से मौत) के तहत दोषी ठहराते हुए दो-दो वर्ष के कठोर कारावास व 50-50 हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनायी थी। इस निर्णय को चुनौती देते हुए प्रधानाचार्य व अन्य ने अपर जिला न्यायाधीश के न्यायालय में अपील की। बाद में जिला और सत्र अदालत ने प्रधानाचार्य को दी गई सजा को निलंबित कर दिया था।
इधर, प्रथम अपर जिला व सत्र न्यायाधीश विक्रम के न्यायालय ने दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद प्रधानाचार्य सहित सभी आरोपितों को दोषमुक्त करने का आदेश दिया।