
देहरादून : उत्तराखंड का ‘बाघ पुनर्स्थापन प्रोजेक्ट’ आज एक ऐतिहासिक मोड़ पर सफलतापूर्वक पूरा हो गया है। कॉर्बेट टाइगर रिजर्व से पांचवां और अंतिम बाघ – एक 5 वर्षीय नर – राजाजी नेशनल पार्क के पश्चिमी हिस्से में स्थानांतरित कर दिया गया। इस उपलब्धि के साथ ही राज्य ने न केवल जैव विविधता के संरक्षण में एक मजबूत उदाहरण पेश किया है, बल्कि बाघों के पुनर्स्थापन की दिशा में देश भर के लिए प्रेरणा भी दी है।
2020 में हुई थी परियोजना की शुरुआत
राजाजी नेशनल पार्क के पश्चिमी हिस्से में बाघों की संख्या चिंताजनक रूप से घट चुकी थी। प्राकृतिक संसाधनों की प्रचुरता के बावजूद बाघों की अनुपस्थिति से पूरा पारिस्थितिक तंत्र असंतुलित हो रहा था। इसी चुनौती से निपटने के लिए उत्तराखंड वन विभाग ने वर्ष 2020 में ‘बाघ पुनर्स्थापन परियोजना’ की नींव रखी।
अब तक 4 बाघ पहले ही भेजे जा चुके थे
इस परियोजना के तहत पहले 1 नर और 3 मादा बाघों को कॉर्बेट के नॉन-टूरिज्म क्षेत्रों से पकड़कर राजाजी नेशनल पार्क भेजा गया था। अब, पांचवें बाघ के स्थानांतरण के साथ यह परियोजना अपने उद्देश्य को पूर्ण कर चुकी है।
आखिरी चरण की सफल क्रियान्विति
- बाघ को कॉर्बेट के बिजरानी रेंज से ट्रेंकुलाइज किया गया
- स्वास्थ्य परीक्षण के बाद उसे सैटेलाइट रेडियो कॉलर पहनाया गया
- राजाजी के पश्चिमी वन क्षेत्र में उसे सुरक्षित स्थानांतरित किया गया
- पूरी प्रक्रिया में वन्यजीव विशेषज्ञ, पशु चिकित्सक और रेस्क्यू टीम शामिल रहे
राजाजी को मिलेगी नई ऊर्जा
राजाजी नेशनल पार्क का वह हिस्सा अब जैविक संतुलन के लिए पूरी तरह तैयार है। पर्याप्त शिकार, घना वन क्षेत्र और जल स्रोतों की उपलब्धता इसे बाघों के लिए आदर्श निवास स्थान बनाते हैं। सैटेलाइट ट्रैकिंग से इन बाघों की गतिविधियों पर निगरानी रखी जा रही है।
“यह प्रोजेक्ट सिर्फ बाघ स्थानांतरण नहीं, बल्कि एक पारिस्थितिक पुनर्जीवन है। राजाजी में अब फिर से दहाड़ गूंजेगी।”
— डॉ. साकेत बडोला, निदेशक, कॉर्बेट टाइगर रिजर्व
कॉर्बेट की सफलता ने बनाई राह
कॉर्बेट टाइगर रिजर्व देश के सबसे अधिक बाघ घनत्व वाले अभयारण्यों में से एक है। यहां लगातार बढ़ती बाघ जनसंख्या के कारण अन्य जरूरतमंद क्षेत्रों में स्थानांतरण संभव हो सका।
वन्यजीव संरक्षण की ओर मजबूत कदम
राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) और भारत सरकार के सहयोग से चला यह प्रोजेक्ट वन्यजीव संरक्षण की दिशा में उत्तराखंड की दूरदर्शिता और समर्पण को दर्शाता है।