महराजगंज : AI और पुलिस की जुगलबंदी ने मौत को दिया चकमा, आत्महत्या की कोशिश नाकाम

  • ब्रेकअप के बाद युवक ने खाया ज़हर, “गुडबाय” पोस्ट से अलर्ट हुआ डीजीपी कंट्रोल रूम
  • सोशल मीडिया मॉनिटरिंग से ट्रेस हुआ युवक का पता, 20 मिनट में मौके पर पहुंची पुलिस
  • परिजनों को भी नहीं थी खबर, पुलिस ने जगाया, कमरे से बेसुध पड़ा मिला युवक
  • सीएचसी से जिला अस्पताल रेफर, डॉक्टरों ने कहा—”एक पल की देरी भी पड़ सकती थी भारी”
  • इंसानियत की मिसाल बनी पुलिस, सतर्कता और संवेदनशीलता की चारों ओर हो रही सराहना

महराजगंज। पुलिस ने मेटा एआई की सतर्कता और अपनी त्वरित कार्रवाई से एक युवक को आत्महत्या करने से बचा लिया। जिले के परतावल क्षेत्र में एक युवक की आत्महत्या की कोशिश को समय रहते रोककर महराजगंज पुलिस ने ना सिर्फ एक जीवन बचाया बल्कि अपने कर्तव्य से बढ़कर मानवता की मिसाल पेश की। सोमवार रात 11:12 बजे जब लोग गहरी नींद में थे, उस वक्त श्यामदेउरवा थाना क्षेत्र के महदेवा चौराहा पर रहने वाले एक 18 वर्षीय युवक ने फेसबुक पर एक भावुक पोस्ट डाल दी— “गुडबाय मेरी फेमिली व सभी दोस्तों। अब जहर खा लिया है। बस कुछ देर जिंदा रहूंगा।”

प्रेमिका से ब्रेकअप के बाद भावनात्मक तनाव में आए इस युवक की पोस्ट को देखकर DGP कंट्रोल रूम एलर्ट हुआ। वहां से जनपद की सोशल मीडिया सेल के पास सूचना मिली। सूचना मिलते ही जनपद की सोशल मीडिया सेल तुरंत हरकत में आई और लोकेशन ट्रेस करते हुए श्यामदेउरवा पुलिस को जानकारी दी जिसपर श्यामदेउरवा पुलिस द्वारा त्वरित कार्रवाई करते हुए युवक की जान बचाई गयी।

डीजीपी कंट्रोल रूम से शुरू हुआ जीवन रक्षक ऑपरेशन

युवक की पोस्ट को किसी ने टैग नहीं किया था, लेकिन उत्तर प्रदेश पुलिस के डीजीपी कंट्रोल रूम की सोशल मीडिया मॉनिटरिंग मेटा एआई टीम ने इसे तुरंत पकड़ लिया। पोस्ट की गंभीरता को समझते हुए कंट्रोल रूम से तत्काल जिले की मीडिया सेल को अलर्ट भेजा गया, जिससे जिले की सोशल मीडिया सेल ने युवक की संभावित लोकेशन ट्रेस की गई। ट्रेस कर जैसे ही परतावल चौकी पुलिस को अलर्ट किया, परतावल चौकी पुलिस तत्काल हरकत में आ गई। चौकी प्रभारी मनीष पटेल के नेतृत्व में एक टीम युवक के बताए स्थान की ओर रवाना हुई और मात्र 20 मिनट के अंदर महदेवा चौराहा स्थित उसके किराए के घर पर पहुँच गई।

परिजन भी थे बेखबर, पुलिस ने दरवाजा खटखटाकर जगाया

जब पुलिस आधी रात को युवक के घर पहुंची, तब पूरा परिवार सो रहा था। दरवाजा खटखटाने पर परिजन बाहर आए और पुलिस को देखकर चकित रह गए। चौकी प्रभारी मनीष पटेल ने स्थिति समझाई और सभी को युवक के कमरे में ले गए। दरवाजा खोलते ही युवक बेसुध पड़ा मिला। पुलिस ने तत्काल उसे होश में लाने की कोशिश की। बहुत प्रयास के बाद युवक की आंख खुली और उसने खुद स्वीकार किया कि उसने खाने में जहर मिला लिया है।

20 मिनट की दौड़, एक जान बचाने की जिद

समय का महत्व समझते हुए पुलिस ने अपनी सरकारी गाड़ी से युवक को तत्काल परतावल सीएचसी पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने प्राथमिक उपचार कर उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया। डॉक्टरों ने स्पष्ट कहा कि अगर पुलिस 10–15 मिनट भी देरी करती, तो स्थिति गंभीर हो सकती थी। युवक की हालत अब स्थिर है और वह खतरे से बाहर बताया जा रहा है।

पुलिस ने निभाई मानवता की ड्यूटी

चौकी प्रभारी मनीष पटेल और उनकी टीम ने जिस तेजी और संवेदनशीलता से काम किया, वह ‘ड्यूटी बियॉन्ड द कॉल’ का जीवंत उदाहरण है। न सिर्फ सोशल मीडिया मॉनिटरिंग ने इस पोस्ट को समय पर पकड़ लिया, बल्कि जमीनी स्तर की पुलिसिंग ने इसे एक सफल बचाव अभियान में तब्दील कर दिया। युवक के परिजन खुद भी अवाक हैं कि कैसे बिना किसी सूचना के पुलिस समय पर पहुंच गई और उनके बेटे की जान बचा ली। इस सराहनीय कार्य में परतावल चौकी प्रभारी मनीष पटेल पंकज यादव, योगेश पांडे, तबरेज अहमद,अमित खरवार शामिल रहे।

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