
- अदालतों में इंसाफ की जद्दोजहद में उलझी पाकिस्तानी मूल की सानिया, पहले शौहर से तलाक की याचिका हाईकोर्ट में दाखिल
- सानिया बोली- “अब मेरे लिए सिर्फ शौहर इरफान और बच्चे ही सब कुछ हैं”
- वीजा खत्म, नागरिकता नहीं, लेकिन मां के जज़्बे के आगे बंटवारे की सरहदें भी बेबस
- सानिया बोली- “अगर गई, तो बच्चों के साथ, वरना यहीं मर जाऊंगी”
भास्कर ब्यूरो
बरेली। पाकिस्तान से शादी कर भारत आई सानिया की जिंदगी एक बार फिर अदालत की चौखट पर आकर खड़ी हो गई है। उसने पहले पति से तलाक के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी है। लेकिन अब हालात यह हैं कि उसके पास भारतीय नागरिकता नहीं है, वीजा की अवधि समाप्त हो चुकी है, और केंद्र सरकार के हालिया आदेशों के बाद उस पर पाकिस्तान लौटने का दबाव भी बना हुआ है। मगर सानिया का साफ-साफ कहना है, “मैं पाकिस्तान तभी जाऊंगी, जब मेरे शौहर और बच्चे साथ होंगे… वरना कहीं नहीं जाऊंगी। मेरे लिए अब वही मेरी पूरी दुनिया हैं।”
30 वर्षीय सानिया ने वर्ष 2016 में अपने बड़े मामा के बेटे सलमान खान से शादी की थी। सलमान उत्तर प्रदेश के बरेली जिले के कंजादासपुर गांव के रहने वाला हैं। निकाह के बाद सानिया पाकिस्तान से भारत आई थी। कुछ समय तो सब कुछ सामान्य रहा, लेकिन फिर वैवाहिक जीवन में खटास आ गई। आरोप हैं कि सानिया को घरेलू हिंसा और अपमानजनक बर्ताव का सामना करना पड़ा।
इन हालातों से टूटकर सानिया ने 2018 में अपने छोटे मामा के बेटे इरफान खान के साथ रहना शुरू कर दिया। इरफान भी कंजादासपुर के ही रहने वाले हैं। इस रिश्ते से सानिया को दो बच्चे हुए बेटा रोमान और बेटी नूर फातिमा। फिलहाल सानिया, इरफान और दोनों बच्चों के साथ रह रही हैं। मगर कानूनी और धार्मिक दोनों नजरियों से देखा जाए तो जब तक पहले शौहर से तलाक नहीं होता, तब तक दूसरा निकाह वैध नहीं माना जा सकता। सानिया ने 2021 में पारिवारिक अदालत में तलाक की अर्जी दाखिल की थी, लेकिन दस्तावेजों की खामियों के चलते वह याचिका 2023 में खारिज हो गई।अब एक हफ्ते पहले सानिया ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में फिर से याचिका दायर की है। इस बार खास बात यह है कि याचिका सलमान खान की सहमति से दाखिल की गई है, ताकि प्रक्रिया में कोई अड़चन न आए।
सानिया को उम्मीद है कि कोर्ट से जल्द राहत मिलेगी। लेकिन इसी बीच उसके सामने एक और बड़ी चुनौती खड़ी हो गई है— केंद्र सरकार द्वारा पाकिस्तानी नागरिकों के लिए वीजा नियमों में सख्ती और वापसी की प्रक्रिया तेज किए जाने के कारण उस पर देश छोड़ने का दबाव बनता जा रहा है। सानिया का वीजा 2021 में ही खत्म हो चुका है। तब से वह कानूनी लड़ाई के साथ ही अपने बच्चों और इरफान के साथ जिंदगी गुजार रही है। मगर उसके पास भारतीय नागरिकता नहीं है। ऐसे में खुफिया विभाग (एलआईयू) की नजर उस पर है। सूत्रों के मुताबिक अगर सानिया की याचिका पर कोर्ट से निर्णय नहीं आता और सरकार वीजा नियमों को सख्ती से लागू करती है, तो उसे पाकिस्तान लौटना पड़ सकता है।
इस पर जब सानिया से सवाल किया गया तो उसने दो टूक जवाब दिया, “अगर जाऊंगी, तो शौहर और बच्चों के साथ जाऊंगी… वरना किसी कीमत पर नहीं। मैं अकेली पाकिस्तान नहीं जाऊंगी। अब यही मेरा परिवार है।”
सानिया के पाकिस्तान लौटने का भी कोई ठोस आधार नहीं बचा है। उसकी नानी की शादी बहुत पहले बरेली में हुई थी, जबकि मां-पिता पाकिस्तान के कराची में रहते थे। पिता और बड़े भाई दोनों का इंतकाल हो चुका है। पाकिस्तान में अब केवल एक छोटा भाई नौमान ही है। सानिया का कहना है कि अब उसके जीवन का केंद्र भारत में है, खासकर उसके बच्चे।
इसी बीच बरेली से एक और भावुक मामला सामने आया है। कोतवाली क्षेत्र के बिहारीपुर में रहने वाली इरम, जो लगभग 17 साल पहले पाकिस्तान से बहू बनकर आई थी, अब अपने वतन लौट गई है। लेकिन वह अपने दोनों बच्चों को ससुराल में ही छोड़ गई।
इरम का अपने पति से विवाद हो गया था और वह लंबे समय से ससुराल के एक अलग कमरे में रह रही थी। मंगलवार को इरम अपने रिश्तेदारों के साथ एलआईयू कार्यालय पहुंची, जहां उसने कानूनी औपचारिकताएं पूरी कीं और दिल्ली के लिए रवाना हो गई।
एलआईयू सूत्रों के अनुसार, इरम फ्लाइट मिलते ही पाकिस्तान चली जाएगी। उसका बेटा शाहे नूर 15 वर्ष का और बेटी आयजा 7 वर्ष की है। बच्चों को साथ ले जाने का उसके पास कोई वैध दस्तावेज नहीं था, इसलिए उन्हें ससुराल में छोड़कर जाना पड़ा।एक तरफ सरकार राष्ट्रीय सुरक्षा और नागरिकता नियमों को लेकर सख्ती दिखा रही है, वहीं दूसरी तरफ मानवीय दृष्टिकोण से देखा जाए तो यह निर्णय कई परिवारों को तोड़ रहा है। भारत में वर्षों से रह रही पाकिस्तानी बहुएं, जो अब अपने बच्चों और परिवार के साथ एक नया जीवन बसा चुकी हैं, वे एक बार फिर उस अंधेरे मोड़ पर पहुंच रही हैं, जहां उन्हें किसी एक देश या रिश्ते को छोड़ना होगा।