
झांसी। जनपद के मोंठ कस्बे में लंबे समय से विवादों में घिरी दिशा लाइब्रेरी एक बार फिर हिंसक घटना का केंद्र बन गई। सोमवार शाम लाइब्रेरी में मामूली विवाद के बाद दो युवकों के बीच जमकर मारपीट हो गई। कुर्सियों से हमला कर दोनों एक-दूसरे को लहूलुहान कर बैठे। घटना के बाद लाइब्रेरी में भगदड़ मच गई और मौके पर अफरा-तफरी का माहौल बन गया।
मामूली बात को लेकर खूनी झड़प
जानकारी के अनुसार, मोंठ क्षेत्र के ग्राम भरोसा निवासी अर्पण गुप्ता लाइब्रेरी में पढ़ाई कर रहा था। इसी दौरान ग्राम बुढ़ावली निवासी केशव यादव से किसी मामूली बात को लेकर कहासुनी हो गई। देखते ही देखते दोनों के बीच गाली-गलौज शुरू हो गई, जो जल्द ही मारपीट में बदल गई। लाइब्रेरी में मौजूद अन्य छात्र कुछ समझ पाते, इससे पहले ही दोनों ने एक-दूसरे पर कुर्सियों से हमला कर दिया।
दो युवक घायल, मची चीख पुकार
हादसे में दोनों युवक गंभीर रूप से घायल हो गए। लाइब्रेरी में पढ़ाई कर रहे छात्र-छात्राओं में चीख-पुकार मच गई और कई लोग वहां से भाग खड़े हुए। घटना की जानकारी मिलते ही दोनों युवकों के परिजन भी मौके पर पहुंच गए। मामला बढ़ता देख लाइब्रेरी संचालक ने पुलिस को सूचना दी।
दोनों की हालत नाज़ुक

सूचना पर मोंठ थाना पुलिस मौके पर पहुंची और दोनों घायलों को इलाज के लिए सीएचसी मोंठ भेजा। जहां प्राथमिक उपचार के बाद चिकित्सकों ने दोनों की हालत गंभीर देखते हुए झांसी मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और दोनों पक्षों की तहरीर लेकर कार्रवाई की जा रही है।
पहले भी विवादों में रहा है दिशा लाइब्रेरी
उल्लेखनीय है कि मोंठ कस्बे में बेसमेंट में संचालित दिशा लाइब्रेरी पहले भी विवादों का विषय बन चुकी है। अभिभावकों द्वारा कई बार शिकायत की गई है कि यह स्थान पढ़ाई के बजाय अय्याशी का अड्डा बन चुका है। हाल ही में एक छात्रा के पिता ने आईजीआरएस पोर्टल पर शिकायत दर्ज कर लाइब्रेरी को अवैध गतिविधियों का केंद्र बताया था।
बिना लाइसेंस और सुरक्षा मानकों के चल रही लाइब्रेरी

बताया जा रहा है कि दिशा लाइब्रेरी न तो शिक्षा विभाग से मान्यता प्राप्त है और न ही इसके पास बिजली विभाग और दमकल विभाग की एनओसी है। बेसमेंट में संचालित इस लाइब्रेरी में न सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम हैं और न ही आपातकालीन निकासी की व्यवस्था। बावजूद इसके यह महीनों से अवैध रूप से संचालित हो रही है।
प्रशासनिक लापरवाही पर उठे सवाल
इस घटना के बाद कस्बेवासियों ने प्रशासन और शिक्षा विभाग पर भी सवाल उठाए हैं। लोगों का कहना है कि बार-बार शिकायत के बावजूद कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। अगर समय रहते कार्रवाई होती तो इस तरह की घटना को टाला जा सकता था। फिलहाल इस मामले में अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। एसडीएम से भी सम्पर्क ना हो सका।
सवाल बरकरार
इस घटना ने एक बार फिर कस्बे में अवैध रूप से संचालित शिक्षण संस्थानों की कार्यप्रणाली और प्रशासनिक उदासीनता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। अब देखना होगा कि प्रशासन इस बार इस दिशा में क्या ठोस कदम उठाता है।