
- गाय के गोबर में लक्ष्मी का वास, मूत्र में गंगा का वास तथा दूध अमृत तुल्य होता है: मंत्री धर्मपाल
- गोबर चंदन के समान पवित्र है और गाय पालने वाले लोग सदैव रहते हैं सुखी: मंत्री
- मंत्री ने सहभागिता योजना में गाय लेकर उन्हें छोड़ने वाले व्यक्तियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई के दिये निर्देश
- गोवंश संरक्षण की तैयारी देखकर मंत्री ने व्यक्त की प्रसन्नता
शाहजहांपुर। उत्तर प्रदेश के पशुधन एवं दुग्ध विकास तथा राजनैतिक पेंशन मंत्री धर्मपाल सिंह ने सोमवार को कलेक्ट्रेट सभागार में पशुपालन विभाग के कार्यों की समीक्षा बैठक आयोजित की। बैठक में भूसा प्रबंधन, गोवंश संरक्षण, गौशालाओं के रखरखाव तथा चारागाह भूमि को कब्जा मुक्त कराकर हरे चारे की बुवाई से संबंधित विषयों पर विस्तृत चर्चा की गई। इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष ममता यादव, महापौर अर्चना वर्मा, जलालाबाद विधायक हरि प्रकाश वर्मा, पुवायां विधायक चेतराम, महानगर अध्यक्ष शिल्पी गुप्ता, मुख्य विकास अधिकारी डॉ. अपराजिता सिंह, समस्त उप जिलाधिकारी, विकास खण्ड अधिकारी, ब्लॉक प्रमुख एवं संबंधित विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी ने पीपीटी के माध्यम से जनपद में स्थापित गौ आश्रय स्थलों की संरक्षण क्षमता, संरक्षित गायों की संख्या, निर्मित एवं निर्माणाधीन गौ आश्रय स्थलों और नंदी शालाओं तथा सहभागिता योजना के अंतर्गत गोद लिए गए पशुओं की जानकारी मंत्री को विस्तार से दी। बताया गया कि जनपद में भूसे की कोई कमी नहीं है और जनप्रतिनिधियों तथा जनसहयोग से पर्याप्त मात्रा में भूसा उपलब्ध है।
जनपद में निराश्रित गौवंशों की संख्या 9862 है, जबकि कुल 127 गौसंरक्षण स्थल स्थापित हैं, जिनमें 11 वृहद गौसंरक्षण केंद्र, 3 कान्हा गौ आश्रय स्थल, 102 मनरेगा गौसंरक्षण स्थल तथा 11 नगरीय गौसंरक्षण स्थल सम्मिलित हैं। वर्तमान में जनपद में संरक्षित कुल गौवंशों की संख्या 15,643 है तथा सहभागिता योजना के अंतर्गत 9,161 गौवंश अच्छादित हैं। जिले में गोवंश संरक्षण की तैयारी देखकर मंत्री ने प्रसन्नता व्यक्त की।

पशुधन मंत्री ने बैठक में उपस्थित जिला पंचायत अध्यक्ष, महापौर एवं विधायकगण से 100-100 कुंतल तथा ब्लॉक प्रमुखों से 50-50 कुंतल भूसा दान करने की अपील की। उन्होंने कहा कि कान्हा गौशालाओं में दूध देने वाली गायों को रखा जाए, क्योंकि गाय का दूध अमृत के समान होता है। उन्होंने यह भी कहा कि गाय के गोबर में लक्ष्मी का वास, मूत्र में गंगा का वास तथा दूध अमृत तुल्य होता है। निराश्रित गौवंशों का संरक्षण मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्राथमिकता में शामिल है।
मंत्री ने सहभागिता योजना में गाय लेकर उन्हें छोड़ने वाले व्यक्तियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई के निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि किसानों की आय को दोगुना करने के लिए खेती के साथ-साथ पशुपालन को भी बढ़ावा देना अनिवार्य है, क्योंकि पशुपालन और कृषि एक-दूसरे के पूरक हैं। मंत्री ने पूर्व समय में गांवों की चार आवश्यक संस्थाओं गौशाला, पाठशाला, व्यायामशाला और यज्ञशाला का उल्लेख करते हुए, इन पर पुनः चिंतन करने की आवश्यकता बताई।
गौ आधारित खेती को पुनर्जीवित करने तथा गाय के दूध और गोबर के सदुपयोग के लिए स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को सक्रिय रूप से जोड़ने पर बल दिया गया। मंत्री ने कहा कि गोबर चंदन के समान पवित्र है और गाय पालने वाले लोग सदैव सुखी रहते हैं। उन्होंने उप जिलाधिकारियों को निर्देशित किया कि गौचर भूमि पर से अवैध कब्जे हटवाकर वहां चारा बोया जाए और चारा उत्पादन को बढ़ावा दिया जाए। उन्होंने अधिकारियों से जनप्रतिनिधियों के सहयोग एवं मार्गदर्शन से योजनाओं के क्रियान्वयन को और प्रभावी बनाने के निर्देश दिए।

मंत्री ने गोवंश नस्ल सुधार कार्य में तेजी लाने तथा उच्च गुणवत्ता का सीमन एवं बधियाकरण योजना के प्रभावी क्रियान्वयन पर भी विशेष जोर दिया। उन्होंने गौशालाओं में चारा, भूसा, पानी, छाया, प्रकाश और साफ-सफाई की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए और कहा कि गायों को किसी प्रकार की परेशानी न हो। साथ ही उन्होंने गौशालाओं का साप्ताहिक निरीक्षण अनिवार्य रूप से कराने के निर्देश भी अधिकारियों को दिए।
मंत्री ने बताया कि सहभागिता योजना के अंतर्गत अनुमन्य धनराशि को 30 रुपये से बढ़ाकर 50 रुपये प्रति गोवंश कर दिया गया है। उन्होंने पशुपालन को सेवा और धर्म बताते हुए कहा कि प्रदेश एवं केंद्र सरकार पशुपालन, गोवंश, बकरी, मुर्गी, सूअर एवं भेड़ पालन से संबंधित अनेक योजनाएं चला रही हैं, जिनका अधिक से अधिक लाभ उठाया जाना चाहिए। मंत्री ने यह भी कहा कि दुग्ध उत्पादन में उत्तर प्रदेश देश में प्रथम स्थान पर है, जो गर्व का विषय है। उन्होंने जनप्रतिनिधियों से अपील की कि वे अपने परिवार के नामकरण, मुंडन संस्कार, जन्मदिन आदि खुशी के अवसरों पर गौशालाओं में जाकर गायों को हरा चारा, केला व गुड़ खिलाएं।
मंत्री ने अधिकारियों से यह सुनिश्चित करने को कहा कि आमजन को शुद्ध दूध उपलब्ध हो तथा गाय के गोबर के सदुपयोग हेतु भी प्रेरित किया जाए। पशुपालकों के साथ नियमित बैठक कर उनकी समस्याओं को सुना जाए और उनका सहयोग लिया जाए। उन्होंने यह भी बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा से केंद्र सरकार द्वारा प्रदेश को 520 मोबाइल पशु एंबुलेंस वैन उपलब्ध कराई गई हैं। टोल फ्री नंबर 1962 पर कॉल करने पर प्राथमिकता से पशुपालकों को एंबुलेंस सेवा, डॉक्टर एवं दवाइयां उपलब्ध कराई जाएंगी। मंत्री ने गौशालाओं में गर्मी से बचाव हेतु तिरपाल, शेड लगाने, चारा-पानी की पर्याप्त व्यवस्था तथा प्रकाश एवं सफाई सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए।
बैठक से पूर्व, मंत्री ने रिलायंस गेस्ट हाउस में जिलाधिकारी धर्मेंद्र प्रताप सिंह एवं पुलिस अधीक्षक राजेश द्विवेदी के साथ बैठक कर जनपद में निराश्रित गौवंशों के शत-प्रतिशत संरक्षण के निर्देश भी दिए।
इस अवसर पर नगर आयुक्त डॉ. विपिन कुमार मिश्र, अपर निदेशक पशुपालन विभाग डॉ. संगीता तिवारी, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. राजेंद्र प्रताप सिंह समेत समस्त उप जिलाधिकारी, खंड विकास अधिकारी और अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।