
मुंबई में 26 नवंबर 2008 को हुए आतंकी हमले के मास्टरमाइंड तहव्वुर हुसैन राणा की कस्टडी 12 दिनों के लिए बढ़ा दी गई है। उसे दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया गया, जहां NIA ने उसकी हिरासत बढ़ाने की याचिका दायर की थी। राणा को 10 अप्रैल को स्पेशल प्लेन से अमेरिका से भारत लाया गया था, और उसका प्रत्यर्पण ‘ऑपरेशन राणा’ के तहत हुआ था। उसे 18 दिन की कस्टडी में भेजा गया था, जो अब समाप्त हो रही थी।
तहव्वुर राणा कौन हैं?
तहव्वुर राणा पाकिस्तानी मूल के कनाडाई नागरिक हैं। उन्होंने पाकिस्तान में मेडिकल डिग्री हासिल की और पाकिस्तानी सेना के मेडिकल कोर में डॉक्टर के रूप में काम किया। 1997 में वह कनाडा चले गए और वहां इमिग्रेशन सर्विसेज देने वाले बिजनेसमैन के तौर पर काम शुरू किया। वह डेविड हेडली के पुराने दोस्त हैं, जिन्होंने 26/11 हमले की साजिश रची थी। राणा ने हेडली की मदद की और लश्कर-ए-तैयबा के लिए आवश्यक सामान मुहैया कराया
कोर्ट की कार्रवाई
पटियाला हाउस कोर्ट ने राणा की याचिका खारिज कर दी थी, जिसमें उसने परिवार से बात करने की अनुमति मांगी थी। NIA ने इसका विरोध करते हुए कहा था कि राणा संवेदनशील जानकारी का खुलासा कर सकता है। इसके बाद, कोर्ट ने उसकी याचिका खारिज करने का फैसला किया।
पूछताछ और भूमिका
26 अप्रैल को मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच के अधिकारियों ने राणा से दिल्ली स्थित NIA ऑफिस में पूछताछ की। 23 अप्रैल को आठ घंटे तक पूछताछ के दौरान राणा ने जवाब देने में टालमटोल की और मदद नहीं की। वह लश्कर-ए-तैयबा के लिए काम करता था और हमले की साजिश में शामिल था।
राणा का प्रत्यर्पण भारत के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे 26/11 हमले की साजिश और उसमें उसकी भूमिका के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी मिल सकती है।