
नई दिल्ली। कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर के बयान पर घमासान मच गया है। भाजपा ने पलटवार करते हुए उनके बयान को असंवेदनशील बताया है।
सोमवार को भाजपा मुख्यालय में आयोजित प्रेसवार्ता में सांसद रविशंकर प्रसाद ने कहा कि पहलगाम में हुई दुर्भाग्यपूर्ण घटना को पूरे देश ने देखा है और इसे लेकर लोगों में व्यापक आक्रोश है। प्रधानमंत्री मोदी ने बिहार में और अपने ‘मन की बात’ में स्पष्ट रूप से कहा है कि आतंकवादियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। एक सर्वदलीय बैठक भी बुलाई गई थी और बहुत ही सौहार्द्रपूर्ण माहौल में सभी ने मौन रखकर सरकार को कड़ी कार्रवाई करने का आश्वासन दिया।
उन्होंने कहा कि यह देश की एक बड़ी आतंकवादी घटना है, जहां लोगों को उनके धर्म के आधार पर गोली मार दी गई। उन्हें कहा गया, ‘तुम हमारे धर्म के नहीं हो, तुम हिंदू हो, और गोली मार दी गई। कुछ लोगों को तो कलमा न पढ़ पाने के कारण भी गोली मार दी गई। इसके बावजूद कांग्रेस के कुछ नेता पीड़ितों के इस दावे पर सवाल उठा रहे हैं कि आतंकवादियों ने उनका धर्म नहीं पूछा।
रविशंकर ने कहा कि यहां तक कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मणिशंकर अय्यर ने कहा कि हम अभी भी विभाजन के परिणामों के साथ जी रहे हैं। यह वही मणिशंकर हैं, जिन्होंने कभी पाकिस्तान से प्रधानमंत्री मोदी को हराने में मदद मांगी थी। यह बेहद असंवेदनशील है। कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और लोकसभा में नेता सदन राहुल गांधी ने सार्वजनिक बयान दिया है कि हम सरकार के कदमों के साथ हैं। यही एक परिपक्व लोकतंत्र की मजबूती भी होती है। ऑल पार्टी मीटिंग भी बुलाई गई, बहुत ही सद्भाव के माहौल में मौन रखा और सरकार के साथ मिलकर आतंकियों के खिलाफ सख्ती की कार्रवाई करने का आश्वासन भी दिया।
उल्लेखनीय है कि कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री मणिशंकर अय्यर ने शनिवार को नई दिल्ली में एक पुस्तक विमोचन समारोह के दौरान कहा था कि क्या 22 अप्रैल को बैसरन के हरे-भरे पर्यटक स्थल पर हुआ आतंकवादी हमला ‘विभाजन के अनसुलझे सवालों’ का नतीजा था।