परीक्षा में मंगलसूत्र-जनेऊ बैन पर डिप्टी सीएम की आपत्ति, कहा ‘ऐसी पाबंदियां समाज में गुस्सा और असंतोष को जन्म देती हैं’

रेलवे भर्ती बोर्ड (RRB) की आगामी परीक्षा को लेकर एक नया विवाद खड़ा हो गया है। परीक्षा के दौरान उम्मीदवारों को जनेऊ, मंगलसूत्र, कान की बाली, कमरबंद जैसे धार्मिक प्रतीक न पहनने के निर्देश दिए गए हैं। इस आदेश की कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने कड़ी आलोचना की है और इसे तुरंत वापस लेने की मांग की है।

डिप्टी सीएम शिवकुमार ने कहा, “धार्मिक प्रतीक जैसे जनेऊ, मंगलसूत्र या कान की बाली की जरूरत पड़ने पर जांच की जा सकती है, लेकिन इन पर पूरी तरह से रोक लगाना अनुचित और लोगों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला है। ऐसी पाबंदियां समाज में गुस्सा और असंतोष को जन्म देती हैं।”

उन्होंने आगे कहा, “कुछ मामलों में सुरक्षा की दृष्टि से जांच की जा सकती है क्योंकि पहले कुछ लोग परीक्षा में धोखाधड़ी के लिए कान में डिवाइस छिपाकर लाए थे। लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि सभी धार्मिक प्रतीकों को प्रतिबंधित कर दिया जाए। मेरी मांग है कि इस प्रकार के आदेशों को रद्द किया जाए जो जनता में नाराजगी पैदा करें।”

वीएचपी ने भी जताई नाराज़गी
विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने भी रेलवे बोर्ड के इस आदेश का विरोध करते हुए इसे हिंदू धार्मिक भावनाओं के खिलाफ बताया है। वीएचपी ने सोशल मीडिया पर पोस्ट साझा कर मांग की है कि परीक्षा में धार्मिक प्रतीकों पर रोक का फैसला वापस लिया जाए ताकि हिंदू छात्र अपने धार्मिक मूल्यों से समझौता किए बिना परीक्षा में बैठ सकें।

बता दें कि हाल ही में कर्नाटक में भी इसी तरह का विवाद उस समय हुआ था जब एक छात्र से परीक्षा केंद्र पर जनेऊ उतारने को कहा गया था, जिससे राज्य भर में नाराजगी देखने को मिली थी।

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