
India vs Pakistan war: हाल ही में कश्मीर में पहलगाम में टूरिस्ट पर आतंकी हमला किया गया, जिसमें 28 हिन्दुओं की मौत हो गई. इस घटना के देश भर में लोगों में गुस्सा देखने को मिल रहा है. भारत सरकार ने भी पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई करते हुए व्यापारिक और जल संधि को भी रोक दिया गया. अमेरिका, जापान, रूस समेत अन्य देशों ने भारत का समर्थन किया है और आतंकवाद में के विरुद्ध जंग में भारत का साथ देने का वादा किया है. वहीं तुर्की ने पाकिस्तान का सपोर्ट किया है.
जानकारी के अनुसार, तुर्की ने पाकिस्तान का सपोर्ट करते हुए इसे भारी संख्या में हथियारों की खेप इस्लामाबाद में पहुंचाई है. एयरफोर्स के 6 C-130 हर्क्युलिस सैन्य विमान इन हथियारों के साथ वहां पहुंचा. यानी पाकिस्तान के खुद के तो बस की कुछ नहीं है वो तुर्की के दम पर उछल रहा है.

तुर्की को पाकिस्तान से क्यों हमदर्दी?
आतंकी हमले के बाद भी तुर्की पाकिस्तान की गलती होते हुए भी उसका साथ दे रहा है. इसके पीछे तुर्की का मिडिल ईस्ट गेम है. 2000 से तुर्की पाकिस्तान के सैनिकों को ट्रेनिंग देता आ रहा है. बता दें कि पाकिस्तान के एफ-16 बेड़े को मेनटेन करने में भी तुर्की मदद देता है. चीन के बाद तुर्की ही पाकिस्तान का दूसरा सबसे बड़ा हथियार देने वाला देश है.
LOC पर तनाव
पहलगाम हमले के बाद एलओसी पर तैनाव देखने को मिल रहा है. सीमा पर अशांति फैली हुई है. सेना ने 27 और 28 अप्रैल की रात कुपवाड़ा और पुंछ सेक्टर में पाकिस्तानी चौकियों से अकारण गोलीबारी हुई. जम्मू-कश्मीर से लेकर दिल्ली तक सरकार अलर्ट मोड पर है. रास्तों में भी जगह-जगह चेकिंग की जा रही है.
चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ अनिल चौहान ने रक्षा मंत्री से मुलाकात की. सीमा पर हालात का जायजा लिया और जवानों को अलर्ट रहने को कहा गया है. सोशल मीडिया पर हमले के बहुत से वीडियो सामने आए हैं, जिसमें टूरिस्ट रोते-बिलखते नजर आ रहे हैं. सरकार ने मृतकों और घायलों को मुआवजा देने का एलान किया है.