सीतापुर : एक महीने बाद भी नहीं पकड़ा गया बाघ, दहशत में ग्रामीण, वन विभाग के ड्रोन व सीसीटीवी कैमरे भी हुए फेल

  • वन विभाग लगातार कर रहा कांबिंग

लहरपुर-सीतापुर। बीते लगभग 25 दिनों से तहसील क्षेत्र के ग्राम रावल अदेशर में जंगली जानवर बाघ आतंक का पर्याय बना हुआ है। जिसने कई मवेशियों को निवाला बनाने के साथ-साथ गेहूं काटने गए किसान पर भी जानलेवा हमला किया था। जिसका इलाज अभी जिला अस्पताल में चल रहा है। घटना के बाद हरकत में आयी वन विभाग की टीम ग्राम रावल अदेशर में ड्रोन कैमरे की सहायता से हिंसक जंगली जानवर का पता लगाने का प्रयास निरंतर कर रही है।

वन क्षेत्राधिकारी अभिषेक सिंह सहित वन विभाग की टीम के द्वारा प्रभावित क्षेत्र में ड्रोन कैमरे की मदद से बाघ की खोज की गई लेकिन अब तक ड्रोन कैमरे में हिंसक जंगली जानवर कैद नहीं हो सका है। करीब एक महीना पूरा होने को आया है लेकिन वन विभाग अभी तक इस हिंसक जंगली जानवर की पकड़ से कोसों दूर है। लगातार घट रही घटनाओं के बाद ग्रामीण दहशत में जीवन यापन करने को विवश है। इसके साथ ही किसान मशीनों से गेहूं काटने का कार्य कर रहे हैं।

इससे पूर्व में ग्रामीणों ने वन विभाग पर लापरवाही करने का आरोप भी लगाया था। इस संबंध में वन क्षेत्राधिकारी अभिषेक सिंह ने बताया कि ग्रामीणों को खेतों की ओर लाठी डंडों से लैस होकर तथा समूह में जाने की सलाह दी जा रही है। इसके साथ ही प्रभावित क्षेत्र में बाघ को पकड़ने के लिए पिंजरे भी लगाए गए हैं। ड्रोन कैमरे की मदद से बाघ का पता लगाया जा रहा है, कांबिंग जारी है। जल्द ही बाघ को पकड़ लिया जाएगा तथा ग्रामीणों को बाघ के खौफ से राहत मिल सकेगी।

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