
गढ़वा जिले की छाया कुमारी ने गरीबी और संघर्ष को हराकर UPSC 2024 में 530वीं रैंक हासिल की है, और उनकी यह प्रेरणादायक यात्रा आज लाखों युवाओं के लिए एक उज्जवल उदाहरण बन गई है। हाल ही में संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने सिविल सेवा परीक्षा 2024 के फाइनल रिजल्ट का ऐलान किया, जिसमें पूरे देश से 1,056 उम्मीदवार सफल हुए। हर एक सफल उम्मीदवार की कहानी किसी न किसी के लिए प्रेरणा का स्रोत बन रही है, और इनमें से एक कहानी झारखंड के गढ़वा जिले की छाया कुमारी की है, जिन्होंने गरीबी और कठिनाई को पीछे छोड़ते हुए 530वीं रैंक प्राप्त की और अपनी कड़ी मेहनत से इतिहास रचा।
गढ़वा के मेराल प्रखंड के अकलवाणी गांव में जन्मी छाया का सफर आसान नहीं था। परिवार की आर्थिक स्थिति कठिन थी, लेकिन छाया ने कभी हार नहीं मानी और सीमित संसाधनों के बावजूद पढ़ाई में पूरी मेहनत की। इस संघर्षपूर्ण यात्रा में उन्होंने बीपीएससी परीक्षा भी पास की थी और अब यूपीएससी में भी शानदार सफलता प्राप्त की, जिससे उन्होंने न सिर्फ अपने परिवार का नाम रोशन किया, बल्कि अपने पूरे गांव को गर्वित किया।
छाया के पिता सुनील दुबे की आँखों में खुशी के आंसू थे जब उन्होंने अपनी बेटी से फोन पर यह सुना कि वह अफसर बन गई हैं। उन्होंने कहा, “जब मेरी बेटी ने यूनिवर्सिटी में गोल्ड मेडल जीता था, तब मैंने कहा था कि मेरी असली खुशी उस दिन होगी जब लोग मुझे मेरी बेटी के नाम से जानेंगे, और आज वही दिन है।”
छाया की मां सीमा देवी ने भी इस सफलता पर खुशी जताते हुए कहा, “आज पूरा गांव खुशी से झूम रहा है। मेरी बेटी ने हमारे सपनों को सच कर दिखाया है।” छाया की बड़ी मां आशा देवी ने बताया कि छाया ने कठिन परिस्थितियों में भी हार नहीं मानी। कई बार निराशा हाथ लगी, लेकिन उसने अपनी मेहनत को कभी कम नहीं होने दिया। छाया की बहन कृति कुमारी ने भी कहा कि यह छाया का पांचवां प्रयास था जब उसने यूपीएससी की परीक्षा पास की। पिछले प्रयासों में वह कुछ अंकों से पीछे रह जाती थी, लेकिन इस बार उसकी मेहनत ने रंग दिखाया और उसने सफलता हासिल की।