
पहलगाम में हुए आतंकी हमले को लेकर इजरायल के राजदूत रुवेन अजार ने एक महत्वपूर्ण खुलासा किया है। उन्होंने इस हमले को 2023 में इजरायल में हुए हमास के हमले से जोड़ते हुए इसे बर्बर और क्रूर करार दिया है।
अजार ने बताया कि हमास के आतंकियों का पाकिस्तान में आमंत्रित किया जाना एक गंभीर संकेत है और इसे पूर्णतः अस्वीकार्य बताया। उन्होंने कहा कि हमें न केवल अपराधियों को पकड़ना चाहिए बल्कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए भी ठोस कदम उठाने चाहिए।
POK में लश्कर-ए-तैयबा की मीटिंग
इजरायली राजदूत ने पहलगाम हमले से पहले की एक बैठक का जिक्र करते हुए कहा कि फलस्तीन आतंकवादी संगठन हमास के नेताओं ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (POK) में जैश-ए-मोहम्मद (JEM) और लश्कर-ए-तैयबा (LET) के आतंकियों के साथ मुलाकात की थी। उन्होंने इस बैठक को लेकर चिंता व्यक्त की और कहा कि आतंकवादी अब एक-दूसरे के साथ सहयोग कर रहे हैं।
अजार ने कहा, “आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। ये आतंकवादी एक दूसरे की नकल कर रहे हैं और एक-दूसरे को प्रेरित कर रहे हैं। हमें उनसे अपनी सुरक्षा के लिए कदम उठाने होंगे।”
हमास के कश्मीरी आतंकियों से संबंध
मीडिया से बातचीत के दौरान, अजार ने कहा कि आतंकवादी सभी स्तरों पर एक-दूसरे का सहयोग कर रहे हैं। उन्होंने पहलगाम हमले और 7 अक्टूबर 2023 को इजरायल में हुए आतंकी हमले के बीच समानताएं रेखांकित की, यह कहते हुए कि दोनों घटनाओं में निर्दोष लोग प्रभावित हुए।
रुवेन अजार ने पहलगाम हमले के बाद भारत सरकार की प्रतिक्रिया की सराहना करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा की। उन्होंने कहा, “भारत सरकार द्वारा उठाए गए सख्त कदमों से मैं काफी उत्साहित हूं।”