
जरवल, बहराइच। नगर पंचायत जरवल में वित्तीय अनियमितताओ के चल रहे खेल में दैनिक भास्कर की भास्कर इंपेक्ट में ” जरवल में आउटसोर्सिंग कर्मचारियों का ईपीएफ घोटाला ” शीर्षक से जब खबर को प्रमुखता से प्रकाशित हुई तो डीएम ने इस खबर को संज्ञान में लेते ही घोटालेबाज निदेशक पर जरवलरोड़ थाने में गम्भीर धाराओं में मुकदमा दर्ज करने का आदेश दे दिया। इस मसले पर कई और लोगों की गर्दन भी नापी जा सकती हैं। की अब परत भी खुल सकती है जैसा कि सूत्रों का मानना है।
जानकारी के मुताबिक जरवल नगर पंचायत जो में लखनऊ की आउटसोर्सिंग फार्म ने निकाय के कर्मचारियों के लाखों रुपये उनके भविष्य निधि खाते में जमा नहीं किया और फर्जी चालान बनाकर निकाय प्रशासन को धोखा दे दिया।लेकिन जब कर्मचारियों की शिकायत पर ईओ खुशबू यादव ने मामले की जांच कराई तो यह घोटाला सामने आया। जिसकी जांच में 23 लाख 44 हजार 341 रुपये के गबन की पुष्टि हुई।

जिसपर ईओ खुशबू यादव ने कम्पनी को ब्लैक लिस्ट कर आउटसोर्सिग कम्पनी जी सो ग्लोबल आईसोर्स ओसियन प्राइवेट लि.को एक नोटिस भी भेज दी साथ ही डीएम ने मुकदमा दर्ज करने का निर्देश भी दे दिया। और ईओ खुशबू यादव की तहरीर पर आउटसोर्सिग कम्पनी की निदेशक आरती शुक्ला के खिलाफ बीएनएस की धारा 316(5) के अन्तर्गत मुकदमा दर्ज कर लिया गया।
…और इन सवालों का जवाब कौन देगा हुजूर ?
जरवल। सवालों पर यदि गौर करे तो इस ईपीएफ घोटाले मे कुछ और लोगों की अहंम भूमिका बताई जा रही है जैसा की सूत्र बता रहे हैं।मसलन कम्पनी की क्या सिक्योरिटी निकाय प्रशासन निकाली ?
क्यों दाग दार कंपनी को क्यों दोबारा मौका दिया गया ? कही दूसरे के खाते पर तो कम्पनी के निदेशक से कोई निकाय का जिम्मेदार सख्स पैसा तो नही मंगवाता था ? यदि विवेचना में कोई आँच न आई तो ईपीएफ घोटालों की और भी परते खुलेगी जिसमे कुछ और लोगो की गर्दन भी नापी जा सकती है।