
कानपुर। उ.प्र. में अब संभागीय निरीक्षक मोटर यान निरीक्षक कहलायेंगे। मोटरयान निरीक्षक को सरकार द्वारा अतिरिक्त अधिकार दिए गए है जिसके तहत अब मोटरयान निरीक्षक किसी भी वाहन की विभिन्न मानको पर जांच कर सकेंगे। इसके ससाथ ही अब उन्हें प्रवतर्न संबंधी अधिकार भी प्राप्त हो गए है।
मोटर वाहन निरीक्षक, जिन्हें पहले संभागीय परिवहन निरीक्षक (आरआई) के रूप में जाना जाता था। अब सड़क पर वाहनों की जांच करने का अधिकार मिल गया है ठीक वैसे ही जैसे प्रवर्तन अधिकारी करते हैं। अब मोटरयान निरीक्षको को अब किसी भी वाहन को रोककर चालान करने का अधिकार भी प्राप्त होगा। मोटर वाहन निरीक्षक के पास सड़क पर वाहनों की जांच करने और यातायात नियमों के उल्लंघन के लिए कार्रवाई करने का अधिकार है। वे वाहनों की फिटनेस, पंजीकरण प्रमाण पत्र, ड्राइविंग लाइसेंस और प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण पत्र की जांच कर सकते हैं। इसके अलावा, वे सड़क सुरक्षा के तहत चेकिंग भी कर सकते हैं। मंगलवार को कैबिनेट की बैठक में परिवहन विभाग के इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है। इसके लिए उत्तर प्रदेश मोटरयान नियमावली व उत्तर प्रदेश अधीनस्थ प्राविधिक सेवानियमावली में जरूरी बदलाव को मंजूरी दे दी गई है। परिवहन मंत्री स्वतंत्र प्रभार स्वतंत्र देव सिंह कहा है कि नए पदो पर भर्ती राज्य लोग द्वारा होगी। पहले से कई अन्य राज्यों में मोटरयान निरीक्षक द्वारा सड़को पर जांच की जा रही है ,लेकिन अब उत्तर प्रदेश में मोटरयान निरीक्षक को भी अधिकार मिल गया है।

मोटरयान निरीक्षक को यह मिले है अधिकार
मोटरयान निरीक्षक अब सड़क पर वाहनों की फिटनेस, पंजीकरण प्रमाण पत्र, ड्राइविंग लाइसेंस, प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण पत्र और अन्य दस्तावेजों की जांच करना, यातायात नियमों के उल्लंघन के लिए चालान करना, ड्रंकेन और ड्राइव टेस्टिंग की जांच करना, सड़क सुरक्षा से संबंधित नियमों के उल्लंघन की जांच करना व वाहनों के चेसिस नंबर की जांच करना शामिल है। इस बदलाव से सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने और यातायात नियमों के पालन में सहायता मिलेगी।