
राजस्थान : कांग्रेस नेता महेश जोशी गुरुवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) मुख्यालय पहुंचे, जहां उन्हें जल जीवन मिशन (JJM) घोटाले के सिलसिले में पूछताछ के लिए बुलाया गया। महेश जोशी अपने निजी सहायक के साथ ईडी कार्यालय पहुंचे, और उनसे इस घोटाले से जुड़ी अहम जानकारी ली जा रही है।
ईडी ने पहले भी महेश जोशी को समन भेजे थे, लेकिन उन्होंने व्यक्तिगत कारणों का हवाला देते हुए पेश होने से इंकार कर दिया था। सूत्रों के अनुसार, ईडी अधिकारियों ने उन्हें जल जीवन मिशन से जुड़ी कुछ दस्तावेज दिखाए और उनसे सवाल जवाब किए।
जल जीवन मिशन घोटाला और फर्जी प्रमाण पत्र से टेंडर हासिल करना
जल जीवन मिशन घोटाला केंद्र सरकार की ‘हर घर नल’ योजना से जुड़ा हुआ है। इस घोटाले में श्री श्याम ट्यूबवेल कंपनी और मैसर्स श्री गणपति ट्यूबवेल कंपनी ने फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र का इस्तेमाल कर जलदाय विभाग (PHED) से कर्मों रुपये के टेंडर हासिल किए थे।
- श्री गणपति ट्यूबवेल कंपनी ने 68 निविदाओं में से 31 टेंडरों में एल-1 बोलीदाता बनकर 859.2 करोड़ रुपये के टेंडर प्राप्त किए।
- श्री श्याम ट्यूबवेल कंपनी ने 169 निविदाओं में से 73 में एल-1 बोलीदाता बनकर 120.25 करोड़ रुपये के टेंडर हासिल किए।
कई एजेंसियां कर रही हैं जांच
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने इस घोटाले का खुलासा होने के बाद जांच शुरू की थी, और कई अधिकारियों को हिरासत में लिया। इसके बाद ईडी ने इस मामले में जांच दर्ज की और महेश जोशी, उनके सहयोगी संजय बड़ाया और अन्य के ठिकानों पर छापेमारी की। इसके बाद सीबीआई ने 3 मई 2024 को इस मामले में केस दर्ज किया।
ईडी ने अपनी जांच पूरी कर 4 मई को सभी सबूत एसीबी को सौंप दिए थे।