
नई दिल्ली। दिल्ली हाई कोर्ट ने अपमानजनक ट्वीट्स के मामले में संयुक्त राष्ट्र की पूर्व सहायक महासचिव लक्ष्मी पुरी के खिलाफ किए गए ट्वीट्स के मामले में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के सांसद साकेत गोखले पर लगाए गये 50 लाख रुपये के जुर्माने की रकम उनकी सैलरी से वसूलने का आदेश दिया है।
जस्टिस मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा ने कहा कि साकेत गोखले की सांसद के रूप में मिल रही सैलरी से हर महीने एक लाख 90 हजार रुपये कोर्ट में तब तक जमा होंगे, जब तक 50 लाख रुपये वसूल नहीं लिए जाते। मामले की अगली सुनवाई 28 मई को होगी।
कोर्ट ने जुर्माना लागने के आदेश को वापस लेने की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए 6 मार्च को लक्ष्मी पुरी को नोटिस जारी किया था। सुनवाई के दौरान साकेत गोखले की ओर से पेश वकील ने कहा था कि हाई कोर्ट का ये आदेश एकतरफा जारी किया गया, क्योंकि उनका वकील पेश नहीं हो पाया। हाई कोर्ट ने 01 जुलाई 2024 के अपने आदेश में साकेत गोखले को निर्देश दिया था कि वो लक्ष्मी पुरी के खिलाफ किए गए अपमानजनक ट्वीट्स के मामले में लक्ष्मी पूरी को 50 लाख रुपये का जुर्माना दें।
हाई कोर्ट ने 01 जुलाई 2024 को अपने आदेश में साकेत गोखले पर जुर्माना लगाने के साथ ही एक अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया में इस संबंध में अपना माफीनामा छापने को भी कहा था। लक्ष्मी पुरी ने 2021 में याचिका दायर की थी। पुरी की ओर से पेश वरिष्ठ वकील मनिंदर सिंह ने कहा था कि साकेत गोखले ने पुरी के आय का स्रोत पूछते हुए ट्वीट किया।
उन्होंने कहा था कि गोखले ने 13 जून, 2021 और 23 जून, 2021 को किए अपने ट्वीट में कहा कि उन्हें पुरी की बेटी का नाम और उसे क्या-क्या दिया गया, ये जानने का मौलिक अधिकार है। गोखले ने ट्वीट में आरोप लगाया था कि पुरी ने केंद्र सरकार की सैलरी से कुछ खरीदा जिसे वह जानना चाहता है।