
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने देश की नामी कोचिंग संस्था FIITJEE के संस्थापक दिनेश गोयल (Dinesh Goel) पर शिकंजा कसते हुए दिल्ली, नोएडा, वाराणसी सहित 10 से अधिक ठिकानों पर छापेमारी की है। यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले से जुड़ी हुई है। ईडी की यह छापेमारी गुरुवार सुबह शुरू हुई और दिनभर चली।
FIITJEE के कई कोचिंग सेंटर अचानक बंद कर दिए गए हैं, जिससे हज़ारों छात्रों की पढ़ाई पर असर पड़ा है और अभिभावकों के बीच चिंता और आक्रोश का माहौल है। कई अभिभावकों ने एडवांस फीस भी जमा कर दी थी, अब वे असमंजस में हैं।
क्या है पूरा मामला?
सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) में दर्ज एक शिकायत के आधार पर ईडी ने यह कार्रवाई की है। आरोप है कि संस्था में वित्तीय अनियमितताओं के चलते कई शिक्षकों को समय पर वेतन नहीं मिला, जिससे नाराज़ होकर कई फैकल्टी मेंबर्स ने इस्तीफा दे दिया। कोचिंग सेंटरों का अचानक बंद होना छात्रों और स्टाफ दोनों के लिए झटका साबित हुआ है।
वर्तमान में FIITJEE ने दिल्ली-NCR समेत उत्तर भारत के कई शहरों में अपने सेंटर्स को बंद कर दिया है। संस्था से जुड़े लगभग 12,000 छात्र अब अपने भविष्य को लेकर परेशान हैं। FIITJEE की कुल वैल्यूएशन करीब 3000 करोड़ रुपये आंकी गई है।
कौन हैं दिनेश गोयल?
दिनेश गोयल, जिन्हें डीके गोयल के नाम से भी जाना जाता है, पेशे से एक इंजीनियर और बिजनेसमैन हैं। उन्होंने IIT दिल्ली से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की और साल 1992 में FIITJEE की स्थापना की। इस कोचिंग संस्थान का उद्देश्य था: छात्रों को IIT और अन्य इंजीनियरिंग संस्थानों की प्रवेश परीक्षा के लिए तैयार करना।
धीरे-धीरे FIITJEE ने देशभर में अपनी 70 से अधिक ब्रांच स्थापित कीं, जिनमें लाखों छात्रों को शिक्षा दी गई। यह संस्थान केवल कोचिंग ही नहीं, बल्कि अपने स्कूल नेटवर्क के जरिए भी शिक्षा प्रदान करता है।
अब आगे क्या?
जांच एजेंसियां इस मामले में वित्तीय गड़बड़ियों, फीस कलेक्शन, सैलरी स्ट्रक्चर, और फंड डायवर्जन जैसे पहलुओं पर गंभीरता से जांच कर रही हैं। वहीं, हजारों छात्रों और उनके माता-पिता को अब उम्मीद है कि सरकार और एजेंसियां इस मामले का जल्द समाधान निकालेंगी, ताकि उनकी पढ़ाई प्रभावित न हो।