US के उपराष्ट्रपति की पत्नी उषा वेंस का RSS से गहरा नाता, आपातकाल के दौर की यादें भी आईं सामने

JD Vance In India: अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस अपनी पत्नी उषा वेंस (Usha Vance) और बच्चों के साथ भारत की चार दिवसीय यात्रा पर पहुंच गए हैं। इस दौरे में उनका परिवार दिल्ली, जयपुर और आगरा का भ्रमण करेगा। इस यात्रा में वो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगे। इसमें दोनों देशों के बीच व्यापार, अर्थव्यवस्था और भू-राजनीतिक मुद्दों पर चर्चा की उम्मीद है। तमाम सियासी और कूटनीतिक मसलों के बीच उषा वेंस और उनकी भारतीय पहचान की चर्चा हो रही है। आइये जानें उनका नाम RSS से क्यों जोड़ा जा रहा है?

बता दें डोनाल्ड ट्रंप के 2024 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में जीत हासिल की है। उन्होंने जेडी वेंस को अपना उपराष्ट्रपति बनाया। इसी के साथ पहली बार अमेरिका में भारतीय मूल की उषा चिलुकुरी वेंस सेकंड लेडी बनी। उषा की भारतीय जड़ों और उनके परिवार के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़ाव (Usha Vance RSS Connection) ने उन्हें भारत में चर्चा का केंद्र बना दिया है। 

भारतीय माता-पिता की हिंदू बेटी

उषा का जन्म 6 जनवरी 1986 को भारतीय प्रवासी माता-पिता के घर हुआ था। उनके पूर्वज आंध्र प्रदेश के वड्डूरू गांव से थे। उनका परिवार 1980 के दशक में अमेरिका शिफ्ट हो गया था। उषा की पढ़ाई-लिखाई बेहद शानदार रही। उन्होंने येल यूनिवर्सिटी से इतिहास में स्नातक किया और फिर कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी से गेट्स स्कॉलर के रूप में मास्टर ऑफ फिलॉसफी की डिग्री प्राप्त की।

अमेरिकी सेकेंड लेडी की कहानी भारतीय मूल के लोगों के लिए प्रेरणा है। उनकी शैक्षणिक उपलब्धियां, पेशेवर सफलता और परिवार की सामाजिक विरासत ने उन्हें अमेरिका की सेकंड लेडी के रूप में एक अनूठी पहचान दी है। उन्होंने अपने धर्म को कभी खुद से अलग नहीं किया। जेड़ी वेंस से हिंदू रिवाज के अनुसार शादी की। इतना ही नहीं बेटे का नाम भी हिंदू रखा है।

दादा को जाना पड़ा था जेल

उषा के परिवार की जड़ें आंध्र प्रदेश के वड्डुरु गांव से जुड़ी हैं। उनके दादा (Usha Vance Grandfather) रमाशास्त्री चिलुकुरी और परदादा सुब्रमण्या शास्त्री दोनों प्रसिद्ध शिक्षाविद थे। पिता और दादा ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) में पढ़ाया या पढ़ाई की। सुब्रमण्या शास्त्री न केवल एक प्रोफेसर थे, बल्कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के कार्यकर्ता भी थे। इसका दंड उन्हें इंदिरा सरकार के समय में आए आपातकाल में भोगना पड़ा था। 1975-77 के आपातकाल के दौरान उन्हें दो साल जेल में बिताने पड़े। 

उषा के परदादा सुब्रमण्या शास्त्री का RSS से जुड़ाव उनके परिवार की सामाजिक और वैचारिक प्रतिबद्धता को दर्शाता है। आपातकाल के दौरान उनकी गिरफ्तारी ने परिवार की देशभक्ति और सामाजिक सक्रियता को रेखांकित किया। यह तथ्य उषा की भारतीय विरासत को और भी गहरा बनाता है, जो अब वैश्विक मंच पर भारत का प्रतिनिधित्व कर रही हैं।

भारतीय डायस्पोरा के लिए गर्व

उषा की भारतीय जड़ें और उनकी हिंदू पहचान उन्हें भारत और अमेरिका के बीच एक सांस्कृतिक सेतु बनाती हैं। उनकी उपलब्धियां और परिवार का शैक्षणिक व सामाजिक योगदान भारतीय डायस्पोरा के लिए गर्व का विषय है। भारत से उनका गहरा नाता और RSS से परिवार का जुड़ाव उनकी जड़ों को और मजबूत करता है। उषा न केवल अमेरिका में भारतीय डायस्पोरा का प्रतिनिधित्व कर रही हैं, बल्कि भारत-अमेरिका संबंधों को भी नई गति दे सकती हैं।

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