बरेली : विहिप कार्यकर्ताओं ने फूंका ममता बनर्जी का पुतला, पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन की मांग

  • पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन की मांग
  • कलेक्ट्रेट पर किया प्रदर्शन, राष्ट्रपति को दिया ज्ञापन

बरेली। पश्चिम बंगाल में बढ़ती हिंसा और कथित हिंदू विरोधी घटनाओं के विरोध में शनिवार को विश्व हिंदू परिषद कार्यकर्ताओं ने कलेक्ट्रेट पर जोरदार प्रदर्शन किया। इस दौरान पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का पुतला फूंका गया और राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन सिटी मजिस्ट्रेट को सौंपा गया। ज्ञापन में पश्चिम बंगाल में तत्काल राष्ट्रपति शासन लागू करने और हिंसा की जांच एनआईए से कराए जाने की मांग की गई।

प्रदर्शन का नेतृत्व विहिप के महानगर अध्यक्ष आशु अग्रवाल, विभाग मंत्री मानवेंद्र प्रताप सिंह और प्रांत प्रचार प्रमुख दिव्य चतुर्वेदी ने किया। सेठ दामोदर स्वरूप पार्क से कार्यकर्ताओं ने रैली निकालकर नारेबाजी करते हुए कलेक्ट्रेट पहुंचकर विरोध दर्ज कराया।

हजारों हिंदुओं का पलायन, महिलाओं पर अत्याचार के लगाए आरोप

विहिप नेताओं ने आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल में वक्फ कानून के विरोध की आड़ में कट्टरपंथी तत्व हिंसा फैला रहे हैं। 200 से अधिक हिंदू परिवारों के घर और दुकानें जला दी गईं, सैकड़ों लोग घायल हुए और तीन लोगों की हत्या कर दी गई। कई महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार हुआ। स्थिति इतनी भयावह है कि मुर्शिदाबाद से 500 से अधिक हिंदू परिवारों को पलायन करना पड़ा है।

“ममता बनर्जी जेहादी तत्वों को दे रहीं खुली छूट” – विहिप

प्रांत प्रचार प्रमुख दिव्य चतुर्वेदी ने आरोप लगाया कि ममता बनर्जी दंगा भड़काने वाले इमामों से मुलाकात कर रही हैं। उन्हीं में से एक इमाम ने पूर्व में धमकी दी थी कि अगर समर्थन नहीं मिला तो “औकात बता देंगे”। उन्होंने कहा कि यह केवल बंगाल तक सीमित नहीं रहेगा, यह आग देश के अन्य हिस्सों तक फैल सकती है।

विदेशी घुसपैठियों की सक्रियता बढ़ने का भी आरोप

विहिप पदाधिकारियों ने यह भी कहा कि बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों को खुली छूट दी जा रही है। उनके आधार कार्ड बनाए जा रहे हैं और आतंकी संगठनों की सक्रियता भी बढ़ रही है, जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा पर खतरा मंडरा रहा है।

प्रमुख कार्यकर्ता रहे मौजूद

प्रदर्शन में मानवेंद्र प्रताप सिंह, दिव्य चतुर्वेदी एडवोकेट, विकास सोमवंशी, संजय भदौरिया, अभिनाश मिश्रा, बाबूराम गंगवार, नीरू भारद्वाज, धर्मेंद्र सिंह, त्रिभुवन सिंह, डॉ. हिमांशु अग्रवाल, डॉ. गणिकान्त शर्मा, समाजसेवी पूनम भल्ला, योगी सरोजनाथ, गिरीश गोस्वामी, इंद्र प्रकाश गोस्वामी, केके शंखधार सहित कई कार्यकर्ता मौजूद रहे।

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