अखिलेश यादव का आरोप: आगरा की हिंसा में सरकार की फंडिंग, पीडीए को डराने की कोशिश

आगरा में दलित दूल्हे की हत्या और प्रयागराज में दलित युवक की बेरहमी से हत्या के मामलों को लेकर सियासत गरमा गई है। समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने इन घटनाओं को लेकर योगी सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने आरोप लगाया कि आगरा में हुई हिंसा सरकार की फंडिंग से हुई है, ताकि यह दिखाया जा सके कि राजपूत समाज बीजेपी के साथ है।

अखिलेश यादव शनिवार को आगरा पहुंचे और राज्यसभा सांसद रामजीलाल सुमन से मुलाकात की। सुमन के घर करणी सेना द्वारा किए गए कथित हमले को लेकर उन्होंने कहा कि यह हमला अचानक नहीं हुआ, बल्कि पूरी तरह से साजिश के तहत किया गया। उन्होंने कहा कि ये पीडीए (पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक) को डराने की कोशिश है।

“ताकत दिखाने नहीं, अपने नेता से मिलने आया हूं” – अखिलेश

अखिलेश ने साफ किया कि वह यहां प्रदर्शन या शक्ति प्रदर्शन के लिए नहीं आए हैं, बल्कि अपने पार्टी नेता से मिलने आए हैं। उन्होंने पहले ही निर्देश दे दिए थे कि किसी तरह का हंगामा न हो। इसके बावजूद, उनके आगमन से पहले ही संजय प्लेस स्थित सांसद सुमन के आवास के बाहर भारी भीड़ जुट गई थी।

पुलिस प्रशासन भी अलर्ट मोड पर रहा। हरीपर्वत चौराहे से लेकर स्पीड कलर लैब तक कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी। किसी संभावित उपद्रव से निपटने के लिए विशेष रणनीति भी बनाई गई थी और अतिरिक्त फोर्स तैनात किया गया।

“हमलावरों का मकसद जान लेना था”

अखिलेश यादव ने कहा कि रामजीलाल सुमन के घर पर हुआ हमला एक सुनियोजित षड्यंत्र था और इसका मकसद जानलेवा हमला करना था। उन्होंने कहा कि इस तरह की घटनाओं से दलितों और अल्पसंख्यकों को डराने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने सरकार से पूछा कि आखिर अब तक दोषियों पर कार्रवाई क्यों नहीं हुई।

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