मुर्शिदाबाद में महिला आयोग की टीम ने दंगा पीड़ितों से की मुलाकात, केंद्र से सुरक्षा की गारंटी का दिया भरोसा

कोलकाता। पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में हाल ही में हुए सांप्रदायिक दंगों के बाद शनिवार को राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) की अध्यक्ष विजया रहाटकर के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने दंगा पीड़ितों से मुलाकात की और उन्हें आश्वस्त किया कि भविष्य में उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए केंद्र सरकार हरसंभव कदम उठाएगी।

एनसीडब्ल्यू प्रमुख रहाटकर ने मुर्शिदाबाद के बेतबोना इलाके में पीड़ितों से बात करते हुए कहा, “डरने की कोई बात नहीं है। देश और आयोग आपके साथ है। खुद को अकेला मत समझिए।” उन्होंने बताया कि आयोग इस दौरे की विस्तृत रिपोर्ट केंद्र को सौंपेगा।

पीड़ित महिलाओं ने आयोग को बताया कि दंगों के दौरान उन्हें किस प्रकार की यातनाएं झेलनी पड़ीं। उन्होंने मांग की कि जिले के संवेदनशील इलाकों में स्थायी सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) कैंप स्थापित किए जाएं और पूरे मामले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) से कराई जाए।

इससे एक दिन पहले शुक्रवार को आयोग की टीम ने मालदा जिले के राहत शिविर का भी दौरा किया, जहां मुर्शिदाबाद दंगों के कारण विस्थापित हुए लोग शरण लिए हुए हैं।

गौरतलब है कि एनसीडब्ल्यू ने मुर्शिदाबाद के शमशेरगंज, सुती, धूलियन और जंगीपुर इलाकों में 11 और 12 अप्रैल को भड़की हिंसा पर स्वत: संज्ञान लिया था। मुस्लिम बहुल इलाकों में वक्फ अधिनियम में संशोधन को लेकर हुए विरोध प्रदर्शनों के बीच हुई इस हिंसा में तीन लोगों की मौत हो गई थी और सैकड़ों लोग बेघर हो गए थे।

आयोग ने अपने दौरे में हिंसा प्रभावित महिलाओं की स्थिति का आकलन किया और केंद्र से कार्रवाई की सिफारिश की है।

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