
लखीमपुर खीरी। जिले के गोला कोतवाली इलाके से एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है, जहां एक नवविवाहिता ने अपने पति और ससुराल पक्ष पर दहेज प्रताड़ना, मारपीट और जबरन गर्भपात कराने का गंभीर आरोप लगाया है। पीड़िता ने पति द्वारा तीन तलाक देकर घर से निकालने की बात भी कही है।
पीड़िता सीमा परवीन (22), निवासी भुडवारा बाना, गोला ने थाने में दी गई तहरीर में बताया कि उसकी शादी 25 नवम्बर 2025 को आसिफ अली (25), निवासी मूसेपुर, खीरी के साथ हुई थी। शादी में परिजनों ने हैसियत से बढ़कर दान-दहेज दिया, जिसमें दो लाख रुपये के जेवर, कपड़े, बर्तन, सवा लाख रुपये नकद, अपाचे बाइक और एक तोला सोने की जंजीर शामिल थी।
ससुराल वालों की कार की लालच से शुरू हुई यातना
पीड़िता का आरोप है कि शादी के बाद से ही ससुराल पक्ष अतिरिक्त दहेज में चार पहिया गाड़ी की मांग करने लगा। मांग पूरी न होने पर उसे खाने-पीने और पहनने तक में तंग किया जाने लगा। बात यहीं नहीं रुकी — 14 फरवरी 2025 को सभी आरोपियों ने उसे लात-घूंसे से पीटा और जबरन गर्भपात करा दिया।
उस समय पीड़िता ढाई महीने की गर्भवती थी। मारपीट के बाद उसे जबरन किसी स्थानीय डॉक्टर के पास ले जाकर गर्भपात करवाया गया। इस दर्दनाक घटना के बाद भी पीड़िता को चैन नहीं मिला। ससुराल वालों ने पति आसिफ अली से तीन बार तलाक दिलवाकर उसे घर से निकाल दिया।
स्टाम्प पेपर पर लिखवाया तलाक, जेवर और स्त्रीधन भी छीना
सीमा परवीन ने बताया कि तलाक के लिए एक स्टाम्प पेपर पर तीन बार तलाक लिखवाया गया, लेकिन किसी भी गवाह के हस्ताक्षर या अंगूठे का निशान नहीं लिया गया। तलाक के बाद सारा जेवर, कपड़ा और अन्य स्त्रीधन भी छीन लिया गया और उसे घर से निकाल दिया गया।
मायके लौटकर जब पीड़िता ने यह बात अपने पिता कुतुबुद्दीन और परिजनों को बताई तो परिवार में मातम का माहौल छा गया। पीड़िता ने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई है।
मामला दर्ज, जांच अधिकारी नियुक्त
गोला कोतवाली पुलिस ने सीमा की तहरीर पर पति आसिफ अली, ससुर वारिस अली, सास शबीना, ननद कु. सना, शीबा, सोनी और अन्य रिश्तेदारों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। मामले की जांच उपनिरीक्षक अरविंद कुमार मौर्य को सौंपी गई है।
पीड़िता की अपील — मिले न्याय, कठोर सजा दी जाए
सीमा परवीन ने पुलिस से मांग की है कि उसके साथ किए गए अन्याय का संज्ञान लिया जाए और दोषियों को सख्त सजा मिले ताकि भविष्य में किसी बेटी के साथ इस तरह का अत्याचार न हो।