Good Friday : सूली पर चढ़ने से पहले ईसा मसीह ने शिष्यों के साथ किया था ‘अंतिम भोज’

Good Friday : सम्पूर्ण विश्व में गुड फ्राईडे यानी पवित्र शुक्रवार मनाया जा रहा है। यह दिन ईसा मसीह के बलिदान, यातना और मृत्यु का स्मरण करता है। विशेष रूप से इस दिन को शोक दिवस और काला शुक्रवार माना जाता है, क्योंकि इसी दिन ईसा मसीह को सूली पर चढ़ाया गया था।

गुड फ्राईडे का अर्थ केवल एक धार्मिक अवसर नहीं है, बल्कि यह एक संकल्प का दिन भी है। इस दिन श्रद्धालु सत्य, अहिंसा और न्याय के सिद्धांतों को अपनाने का संकल्प लेते हैं, जैसे कि जीसस ने अपने जीवन में किया। यह दिन हमें स्मरण दिलाता है कि हम भी अपनी सलीब स्वयं ढोने के लिए तैयार रहें और मृत्यु की संभावना से विचलित न हों।

ईसा मसीह का जन्म लगभग 4 से 6 ईस्वी में बेथलहम में हुआ था। उनके जन्म को एक चमत्कार के रूप में देखा जाता है, क्योंकि उनकी माता, मैरी, ने बिना विवाह के इस चमत्कारिक जन्म को दिन देखा। उनके पिता जोसेफ़, जो एक बढ़ई थे, ने मैरी के साथ मिलकर इस बच्चे की परवरिश की।

ईसा की युवा अवस्था के बारे में बहुत कम जानकारी है। कहा जाता है कि वे अपने समय के धार्मिक रीतियों को समझने के लिए अध्ययन करते थे और मंदिर में धार्मिक संवाद करते थे।

ईसा मसीह ने लगभग 30 वर्ष की आयु में अपने सार्वजनिक जीवन की शुरुआत की। उन्होंने कई चमत्कार किए, जैसे अंधों को देखाना, लंगड़ाओं को चलाना, और बीमारों को ठीक करना। उनके उपदेशों में प्रेम, क्षमा, और दया का संदेश था। उन्होंने लालच, घृणा और अन्याय के खिलाफ बोला।

उन्होंने बारह शिष्यों का चुनाव किया, जिन्हें वे अपने सहायक और मित्र के रूप में प्रशिक्षित करते थे। उनके प्रमुख शिष्य पेत्रुस, याकूब, और यूहन्ना थे। उनके साथ यात्रा करते हुए, यीशु ने लोगों को शिक्षा दी और अपने चमत्कारों के माध्यम से उनका ध्यान आकर्षित किया।

ईसा की शिक्षाएँ और उनके बढ़ते अनुयायी यहूदियों के धार्मिक नेताओं और रोमन शासन को आपत्ति में डालने लगे। अंततः, उन्होंने उन्हें गिरफ्तार करने का निर्णय लिया।

ईसा मसीह को यहूदी संप्रदाय के नेताओं द्वारा धोखे से गिरफ्तार किया गया। उन्हें रोमन गवर्नर पिलातुस के पास लाया गया, जहां उन पर मुकदमा हुआ। उन्हें सूली पर चढ़ाए जाने की सजा सुनाई गई। यह घटना गुड फ्राईडे पर हुई, जिसे शोक दिवस माना जाता है।

ईसा ने सूली पर चढ़ने से पहले अपने शिष्यों के साथ अंतिम भोज किया, जिसे “अंतिम भोज” कहा जाता है। उनकी मृत्यु के तीन दिन बाद, ईसा मसीह का पुनरुत्थान हुआ, जिसे ईसाई धर्म में सबसे महत्वपूर्ण घटना माना जाता है। यह घटना ईaster के त्योहार का आधार है।

ईसा मसीह के जीवन और उनके उपदेश आज भी विश्व भर में श्रद्धा और प्रेरणा का स्रोत हैं। उनका संदेश सच्चाई, प्रेम, और मानवता की सेवा का है, और उन्होंने धर्म, संस्कृति, और मानवता के विभिन्न पहलुओं पर गहरा प्रभाव डाला है।

ईसा मसीह की कहानी न केवल धार्मिक लोगों के लिए, बल्कि सभी के लिए प्रेम, क्षमा और मानवता के प्रति सेवा का एक महत्वपूर्ण संदेश है।

धार्मिक समुदाय इस दिन विशेष पूजा-अर्चना करते हैं, प्रार्थना करते हैं और ईसा मसीह की शिक्षाओं को अपने जीवन में उतारने का प्रयास करते हैं। गुड फ्राईडे मुबारक कहा जा सकता है, लेकिन इस दिन को “हैप्पी गुड फ्राईडे” के रूप में नहीं मनाना चाहिए, क्योंकि यह दिन शोक और श्रद्धांजलि का प्रतीक है।

इस अवसर पर कई चर्च और धार्मिक संस्थान विशेष कार्यक्रम और धार्मिक सेवाएं आयोजित कर रहे हैं, जहां श्रद्धालु एकत्रित होकर ईसा मसीह की याद में प्रार्थना करते हैं। यह दिन न केवल ईसाई धर्मावलंबियों के लिए, बल्कि समस्त मानवता के लिए एक प्रेरणा का स्रोत है।

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