
लखीमपुर खीरी। उत्तर प्रदेश के लखीमपुर निवासी होनहार युवा वैज्ञानिक मुनीर खान ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का नाम रोशन किया है। न्यूयॉर्क के प्रतिष्ठित कोलंबिया विश्वविद्यालय में आयोजित मिलार्ड चान टेक्नोलॉजी चैलेंज 2025 के दौरान मुनीर को उनकी नवाचारी सोच और सामाजिक संवेदनशीलता के लिए ‘इंजीनियरिंग फॉर ह्यूमैनिटी अवॉर्ड’ से सम्मानित किया गया।
यह पुरस्कार विशेष रूप से उन इंजीनियरों और शोधकर्ताओं को दिया जाता है, जिन्होंने अपनी तकनीकी प्रतिभा का उपयोग मानवता के हित में किया हो। मुनीर खान ने इस सम्मान को दृष्टिबाधित लोगों के लिए विकसित की गई अपनी अनूठी तकनीक के बल पर हासिल किया।
मुनीर की अमेरिकी स्टार्टअप कंपनी Cadre Technologies Services LLC, जो डेलावेयर में स्थित है, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) आधारित स्मार्ट चश्मों का विकास कर रही है। यह स्मार्ट चश्मा विशेष रूप से दृष्टिबाधित व्यक्तियों के लिए डिजाइन किया गया है, जो उनके रोजमर्रा के जीवन में स्वतंत्रता, आत्मविश्वास और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देता है। इस तकनीक की खासियत यह है कि यह आवाज़ आधारित मार्गदर्शन, वस्तु पहचान, और आसपास के वातावरण की सूचनाएँ प्रदान करने में सक्षम है।
मुनीर खान का कहना है, “मेरा उद्देश्य ऐसी तकनीक विकसित करना है जो समाज के उन वर्गों तक पहुंचे जिन्हें अक्सर अनदेखा कर दिया जाता है। दृष्टिबाधित व्यक्तियों के लिए यह स्मार्ट चश्मा सिर्फ एक उपकरण नहीं, बल्कि उनके आत्मनिर्भर जीवन की ओर एक कदम है।”
इस प्रतिष्ठित पुरस्कार के साथ मुनीर को $10,000 की पुरस्कार राशि भी प्रदान की गई है, जो उनकी रिसर्च और प्रोडक्ट डिवेलपमेंट के लिए उपयोग की जाएगी।
मुनीर खान की इस उपलब्धि पर उनके परिवार, लखीमपुर खीरी के निवासियों और भारतीय तकनीकी जगत में गर्व और खुशी की लहर है। उनके इस प्रेरणादायक सफर ने यह साबित कर दिया है कि अगर जुनून सच्चा हो और इरादे नेक हों, तो सीमाएं मायने नहीं रखतीं।