
केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) ने कोचिंग सेंटरों को चेतावनी दी है कि वे भ्रामक और गुमराह करने वाले विज्ञापनों से दूर रहें। हाल ही में जारी एक नोटिस में सीसीपीए ने साफ किया है कि यदि कोचिंग संस्थान उपभोक्ता संरक्षण से जुड़े नियमों का उल्लंघन करते हैं, तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
सीसीपीए ने कोचिंग सेंटरों से कहा है कि वे अपने विज्ञापनों में पारदर्शिता बरतें और किसी भी प्रकार की गारंटी जैसे “100% सेलेक्शन” या “गारंटीड रैंक” जैसे दावों से बचें। उपभोक्ता मामलों की सचिव निधि खरे ने बताया कि आईआईटी-जेईई की तैयारी कराने वाले कुछ कोचिंग संस्थानों को प्रारंभिक जांच में भ्रामक विज्ञापन का दोषी पाया गया है और उन्हें नोटिस भेजा गया है।
विज्ञापनों में स्पष्ट जानकारी देना अनिवार्य
सीसीपीए ने निर्देश दिया है कि कोचिंग सेंटर अपने विज्ञापनों में छात्र का नाम, रैंक, कोर्स का प्रकार, और उस कोर्स के लिए भुगतान हुआ या नहीं, इन सभी जानकारियों को स्पष्ट रूप से दर्शाएं। इसके अलावा डिस्क्लेमर (अस्वीकरण) को भी उतनी ही प्रमुखता दी जानी चाहिए, जितनी अन्य जानकारी को दी जाती है।
हाल ही के परिणामों के बाद बढ़ी निगरानी
आईआईटी-जेईई और एनईईटी जैसी परीक्षाओं के परिणाम आने के बाद यह देखा गया कि कई कोचिंग सेंटर भ्रामक दावे कर रहे हैं और नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं। कुछ मामलों में छात्रों को प्रवेश के बाद वादा की गई सेवाएं नहीं दी गईं, प्रवेश रद्द करने के बावजूद फीस नहीं लौटाई गई, या सेवा शुल्क में कटौती की गई।
77.6 लाख का जुर्माना, 49 नोटिस जारी
अब तक सीसीपीए ने 49 कोचिंग संस्थानों को नोटिस जारी किए हैं और 24 सेंटरों पर कुल 77.60 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। इन्हें तुरंत भ्रामक विज्ञापन बंद करने के निर्देश भी दिए गए हैं। इससे पहले भी सीसीपीए ने यूपीएससी, आरबीआई, नाबार्ड, और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कराने वाले संस्थानों के खिलाफ कार्रवाई की थी।
उद्देश्य: पारदर्शिता और उपभोक्ता अधिकारों की रक्षा
सीसीपीए का कहना है कि “भ्रामक विज्ञापन की रोकथाम के दिशा-निर्देश 2024” का पालन कोचिंग सेंटरों के लिए अनिवार्य है। इन दिशा-निर्देशों का मकसद इस क्षेत्र में पारदर्शिता और निष्पक्षता बढ़ाना है, जिससे छात्र और उनके परिवार सही जानकारी के आधार पर निर्णय ले सकें। बीते तीन वर्षों में सीसीपीए ने उपभोक्ता अधिकारों के उल्लंघन और अनुचित व्यापार प्रथाओं के मामलों में सख्त कार्रवाई की है।