पीलीभीत: गौकशी के खिलाफ चला पूरनपुर पुलिस का ऑपरेशन, मुठभेड़ में 8 तस्कर दबोचे, एक घायल

भास्कर ब्यूरो

  • राष्ट्रीय बजरंग दल की सतर्कता से जागा प्रशासन, 11 से 13 अप्रैल तक छः स्थानों पर बरामद किए गए थे गोवंशीय अवशेष
  • जंगलों में पुलिस की घेराबंदी और गोलीकांड में बड़ी कार्रवाई

पूरनपुर, पीलीभीत। जंगलों में पुलिस और गोवंश तस्करों के बीच हुई मुठभेड़ ने एक बार फिर साबित कर दिया कि बेजुबानों की हत्या करने वालों के लिए अब यह धरती सुरक्षित नहीं बची है। एक मासूम बछड़े की जान बच गई, लेकिन इससे पहले कि अपराधी अपना मंसूबा पूरा कर पाते, उन्हें राष्ट्रीय बजरंग दल की सतर्कता और पुलिस की तत्परता ने बेनकाब कर डाला।

राष्ट्रीय बजरंग दल की ज़मीन से जुड़ी कार्रवाई बनी पुलिस ऑपरेशन की भूमिका

घटनाक्रम की शुरुआत हुई राष्ट्रीय बजरंग दल के जुझारू पदाधिकारियों की मेहनत से, जिन्होंने 11 अप्रैल से 13 अप्रैल तक अलग-अलग स्थानों पर छः स्थानों से गोवंशीय अवशेष बरामद किए थे। इन जगहों पर खून से सनी ज़मीन, कटे अवशेष और पशुओं की खाल साफ इशारा कर रही थी कि गोवध का संगठित खेल चल रहा है।

राष्ट्रीय बजरंग दल ने जब यह सब प्रशासन के संज्ञान में लाया, तब जाकर पुलिस हरकत में आई और जंगल में दबिश दी। जब पुलिस की कार्रवाई हुई, उस समय राष्ट्रीय बजरंग दल की टीम घटनास्थल पर मौजूद नहीं थी, लेकिन उनकी पहले की रिपोर्ट और मुहैया कराई गई सूचनाओं ने कार्रवाई का रास्ता साफ किया।

पुलिस कार्यवाही का सामने आया वीडियो

मौके से तीन तमंचे, छह जिंदा कारतूस, एक मोटरसाइकिल, दो मोबाइल फोन, मांस तौलने की मशीनें, गोवध के उपकरण और एक डरा-सहमा जिंदा बछड़ा बरामद हुआ। बछड़ा पुलिस के पैरों से चिपका बैठा था — उसकी आंखों में डर साफ झलक रहा था।

मुठभेड़ में घायल हुआ गोकश, गिरोह के आठ सदस्य गिरफ्तार

गुप्त सूचना के आधार पर पुलिस ने जंगल में दबिश दी। घिरते ही तस्करों ने फायरिंग शुरू कर दी, जिसमें जवाबी कार्रवाई में मोहम्मद कामर नामक तस्कर के पैर में गोली लगी।

गिरफ्तार अन्य आरोपी हैं:
अकबर, इसरार, शाहिद उर्फ मुछड़, आमिर, छोटे राहत, फहीम कुरैशी और जावेद कुरैशी। सभी वर्षों से इस घिनौने धंधे में लिप्त बताए जाते हैं।

राष्ट्रीय बजरंग दल की टीम ने किया था विरोध

हालांकि पुलिस ऑपरेशन के वक्त राष्ट्रीय बजरंग दल की टीम मौके पर नहीं थी, लेकिन ठाकुर शिवम भदौरिया, दयाल विश्वास, सचिन मिश्रा, राणा मिथिलेश कुमार, विजय सिंह, प्रेमपाल वर्मा और शिवा पांडे जैसे समर्पित कार्यकर्ताओं की पहले की भूमिका अहम रही। उन्होंने बिना रुके प्रशासन को सूचनाएं दीं और कई अहम सुराग उजागर किए।

प्रशासनिक स्तर पर गंभीरता से जांच शुरू

प्रशासनिक टीमें अब घटनाओं की तह तक पहुंचने में जुटी हैं और जो भी दोषी पाया जाएगा, उस पर कठोर कार्रवाई तय मानी जा रही है।

खबरें और भी हैं...

अपना शहर चुनें

लखनऊ: वक्फ संशोधन विधेयक पेश को लेकर पुराने लखनऊ में पुलिस ने किया फ्लैग मार्च। मुखवा में पीएम मोदी ने की गंगा पूजा अंसल एपीआई पर कार्रवाई : पिता – पुत्र समेत 5 पर मुकदमा दर्ज ट्रंप ने भारत , चीन समेत देशों पर उच्च शुल्क लगाने का किया ऐलान परिजनों ने कहा – सचिन तो सिर्फ मोहरा , कत्ल के पीछे कोई ओर