
सुप्रीम कोर्ट आज, बुधवार 16 अप्रैल को नए वक्फ कानून के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुनवाई शुरू करने जा रहा है। कुल 73 याचिकाएं दाखिल की गई हैं, जिनमें से 10 याचिकाएं आज की सुनवाई के लिए सूचीबद्ध की गई हैं। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि नया वक्फ कानून संविधान के खिलाफ है और इससे मुस्लिम समुदाय के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन हो सकता है।
क्या हैं याचिकाकर्ताओं की आपत्तियाँ?
याचिकाओं में कहा गया है कि नए कानून के तहत वक्फ संपत्तियों का प्रबंधन एकतरफा और अपारदर्शी हो सकता है। याचिकाकर्ताओं का तर्क है कि:
- वक्फ बोर्ड के चुनाव प्रणाली को समाप्त कर दिया गया है, जिससे मुस्लिम समुदाय का आत्म-निर्णय का अधिकार प्रभावित हो सकता है।
- अब वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिम सदस्य भी हो सकते हैं, जो समुदाय की धार्मिक संपत्तियों के प्रबंधन पर सवाल खड़ा करता है।
- कार्यकारी अधिकारियों को वक्फ संपत्तियों पर ज्यादा नियंत्रण दिया गया है, जिससे सरकारी दखल का खतरा बढ़ गया है।
- ST समुदाय के लोगों को वक्फ संपत्ति बनाने से रोकने का प्रावधान है, जो उनके मौलिक अधिकारों का हनन है।
- ‘वक्फ बाय यूसेज’ यानी परंपरागत रूप से स्थापित वक्फ संपत्तियों की वैधता को खतरा है, क्योंकि उन्हें कानूनी मान्यता मिलने में कठिनाई हो सकती है।
सुप्रीम कोर्ट में कौन-कौन पहुँचा?
इस कानून के खिलाफ विपक्षी दलों और धार्मिक संगठनों की ओर से बड़ी संख्या में याचिकाएं दाखिल की गई हैं। प्रमुख याचिकाकर्ताओं में शामिल हैं:
- कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस (TMC), सीपीआई, YSR कांग्रेस
- AIMIM, RJD, JDU, आम आदमी पार्टी (AAP), अभिनेता विजय की पार्टी TVK
- धार्मिक संगठन: जमीयत उलमा-ए-हिंद, ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड, सामस्थ केरला जमीयथुल उलमा
इसके अलावा दो हिंदू पक्षों ने भी सुप्रीम कोर्ट में याचिका दी है। वकील हरि शंकर जैन और नोएडा की पारुल खेरा ने कानून की कुछ धाराओं को लेकर चिंता जताई है, जो उनके अनुसार सरकारी जमीन और हिंदू धार्मिक स्थलों पर कब्जा करने का रास्ता खोल सकती हैं।
केंद्र सरकार का पक्ष
केंद्र सरकार ने इस कानून को जरूरी और पारदर्शिता बढ़ाने वाला बताया है। सरकार का कहना है कि इससे वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में सुधार होगा और भ्रष्टाचार पर लगाम लगेगी। सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में केविएट भी दाखिल किया है, जिसका मतलब है कि किसी भी आदेश से पहले सरकार की बात जरूर सुनी जाए।
किस बेंच में होगी सुनवाई?
सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की बेंच – जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस संजय कुमार और जस्टिस केवी विश्वनाथन – आज दोपहर 2 बजे इस मामले की सुनवाई शुरू करेगी।